केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के सहयोग से एक समग्र बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि एवं लचीलापन कार्यक्रम’ (Rural Prosperity and Resilience) की घोषणा की है।
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ग्रामीण समृद्धि एवं लचीलापन कार्यक्रम
- उद्देश्य : इस पहल का उद्देश्य कौशल विकास, निवेश, प्रौद्योगिकी अपनाने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन की समस्या का समाधान करना है।
- यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के प्रचुर अवसर उपलब्ध कराने पर केंद्रित है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोजगार के लिए प्रवासन एक आवश्यकता के बजाय एक विकल्प बना रहे।
- क्रियान्वयन : इस कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा तथा चरण-1 में राज्यों की सहभागिता के साथ 100 विकासशील कृषि जिलों को कवर किया जाएगा।
ग्रामीण समृद्धि एवं लचीलापन कार्यक्रम में शामिल घटक
- ग्रामीण महिलाओं के लिए उद्यम विकास, रोज़गार एवं वित्तीय स्वतंत्रता को उत्प्रेरित करना : इसके तहत महिलाओं के लिए कुशल उद्यम, ऋण मुहैया कराने की बेहतर व्यवस्था और ढाँचागत विकास, मेंटरशिप का प्रबंधन, कौशल-आधारित प्रशिक्षण, बेहतर मार्केटिंग तथा निजी क्षेत्र की सक्रिय सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
- युवा किसानों एवं ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोज़गार व व्यवसाय सृजन में तेजी लाना : इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में कौशल-विकास को बढ़ावा दिया जाएगा तथा ग्रामीण विकास विभाग के RSETI (Rural Self-employment Training Institute) के नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा, ताकि सभी पात्र ग्रामीणों को कौशल-विकास के साथ जोड़ा जा सके।
- विशेष रूप से सीमांत एवं छोटे किसानों के लिए उत्पादकता में सुधार और भंडारण के लिए कृषि संवर्द्धन व आधुनिकीकरण : इसके तहत सीमांत और छोटे किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में उत्पादकता व भंडारण क्षमता में सुधार एवं आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- भूमिहीन परिवारों के लिए विविध अवसर उपलब्ध कराना : इसके माध्यम से कृषि पर आश्रित ग्रामीणों को रोजगार के अतिरिक्त और उन्नत अवसर उपलब्ध कराकर कौशल-विकास पर विशेष बल दिया जाएगा।
इसे भी जानिए!
- बजट 2025-26 में ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की भी घोषणा की गई ही, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा, स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क विकसित किए जाएंगे।
- इस पहल के द्वारा स्वयं-सहायता-समूहों की महिला उद्यमियों को व्यक्तिगत ऋण लेने में सुविधा होगी और अधिक निवेश के उद्यम को स्थापित करने का अवसर मिलेगा।
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