(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।) |
संदर्भ
हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन ने नई परमाणु नीति की घोषणा की है।
रूस का नया परमाणु सिद्धांत
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरी बार जून 2020 में देश के परमाणु सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए थे। इस सिद्धांत को औपचारिक रूप से परमाणु निवारण पर राज्य नीति के मूल सिद्धांत कहा गया है।
- इसके अनुसार रूस परमाणु हथियारों को विशेष रूप से निवारण का साधन मानता है।
- यह सिद्धांत परमाणु हथियारों के उपयोग को चरम स्थिति और मजबूरी भरा उपाय मानता है।
- परमाणु हथियारों के उपयोग सहित यह रूसी सैन्य शक्ति द्वारा आक्रमण के निवारण पर बल देता है।
- रूस के परमाणु सिद्धांत में नवीनतम परिवर्तनों के तहत यदि रूस पर पारंपरिक हथियारों से हमला किया जाता है तो वह परमाणु हथियारों से जवाब दे सकता है।
- राज्य का अस्तित्व खतरे में होने की स्थिति में रूस अपने परमाणु शस्त्रागार का उपयोग दुश्मन द्वारा परमाणु हमले या पारंपरिक हमले के विरुद्ध कर सकता है।
- नवीनतम संशोधनों के तहत, परमाणु शक्ति की भागीदारी या समर्थन के साथ एक गैर-परमाणु शक्ति द्वारा देश के खिलाफ किए गए हमले को ‘रूसी संघ पर संयुक्त हमला’ माना जाएगा।
- संशोधित सिद्धांत में परमाणु हथियारों के उपयोग की शर्तों के अनुसार इनका उपयोग बड़े पैमाने पर हवाई हमले की स्थिति में भी किया जा सकता है।
- जब हवाई एवं अंतरिक्ष हमले के बड़े पैमाने पर प्रक्षेपण और उनके रूसी राज्य की सीमा को पार करने के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होगी।
- यदि रूस या उसके सहयोगियों के क्षेत्र को लक्ष्य करके बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होती है, तो रूस अपने परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करेगा।
- राष्ट्रपति पुतिन के अनुसार संशोधित परमाणु सिद्धांत पड़ोसी देश बेलारूस को भी आच्छादित करेगा।
- मार्च 2023 में बेलारूस ने रूस को यूक्रेन में सेना भेजने के लिए अपने देश के क्षेत्र का उपयोग करने की तथा रूस के कुछ सामरिक परमाणु हथियार तैनात करने की अनुमति दी थी।
- फरवरी 2023 में, रूस ने अमेरिका के साथ नई START संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित करने की घोषणा जो प्रत्येक पक्ष द्वारा तैनात किए जा सकने वाले परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करता है।
- वर्तमान में रूस दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति है तथा रूस व अमेरिका संयुक्त रूप से दुनिया के 88 % परमाणु हथियारों पर नियंत्रण रखते हैं।
रूस द्वारा परमाणु सिद्धांत में परिवर्तन के कारण
- रूस द्वारा परमाणु सिद्धांत को बदलने का निर्णय उसके पश्चिमी विरोधियों के बढ़ते कदमों से संबंधित है।
- इसी वर्ष अगस्त के अंत में यूक्रेन ने पुष्टि की कि उसने कुर्स्क में घुसपैठ के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का उपयोग किया था।
वर्तमान में परमाणु शक्ति संपन्न देश
- परमाणु हथियारों के कुल वैश्विक भंडार में नौ देशों के स्वामित्व वाले 12,000 से अधिक हथियार शामिल हैं।
- वर्तमान में रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, भारत, इज़राइल और उत्तर कोरिया परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं।
- रूस के पास लगभग 6,000 हथियार हैं, जिनमें से कुछ बेलारूस में तैनात हैं।
- अमेरिका के पास 5,000 से कुछ ज़्यादा परमाणु हथियार हैं, जिनमें से कुछ इटली, तुर्की, बेल्जियम, जर्मनी और नीदरलैंड में तैनात हैं।
अन्य देशों द्वारा परमाणु नीति में हालिया परिवर्तन
भारत
- अगस्त 2019 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के परमाणु सिद्धांत में बदलाव का संकेत देते हुए घोषणा कि भारत अपनी नो फर्स्ट यूज (NFU) नीति पर पुनर्विचार कर सकता है।
- भारत की परमाणु नीति के अनुसार वह तब तक परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा जब तक कि किसी अन्य देश द्वारा हमले में भारत के विरुद्ध परमाणु हथियारों का उपयोग न किया गया हो।
उत्तर कोरिया
- उत्तर कोरिया ने वर्ष 2013 और वर्ष 2022 में परमाणु हथियार रखने का कानून बनाया।
- वर्ष 2013 के कानून के अनुसार उत्तर कोरिया पहले परमाणु हथियारों से हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर कोई परमाणु शक्ति पारंपरिक हथियारों से हमला करती है, तो भी वह परमाणु हथियारों से जवाबी कार्रवाई करेगा।
- वर्ष 2022 के कानून के अनुसार उत्तर कोरिया न केवल तब हमला कर सकता है जब हमला वास्तव में हुआ हो, बल्कि तब भी जब उसे लगे कि हमला आसन्न है।
चीन
- चीन ने अक्टूबर 2023 में अपनी औपचारिक स्थिति से NFU को हटा दिया, हालाँकि आधिकारिक तौर पर उसने ऐसा नहीं कहा है।
- चीन वर्ष 1964 में एकतरफा NFU की प्रतिज्ञा करने वाला पहला परमाणु राज्य था और उसने दशकों तक औपचारिक रूप से अपनी प्रतिज्ञा को बनाए रखा।
पाकिस्तान
- मई 2024 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (National Command Authority : NCA) के सलाहकार खालिद अहमद किदवई ने एक सेमिनार में घोषणा की कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों के ‘पहले उपयोग न करने’(NFU) की नीति नहीं है।
- पाकिस्तान ने कभी भी स्पष्ट परमाणु सिद्धांत प्रकाशित नहीं किया है हालाँकि अभी तक यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है।