प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, सीटीबीटी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2 नवंबर,2023 को परमाणु हथियार परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने वाली वैश्विक संधि ‘व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि’(सीटीबीटी) पर रूस के अनुसमर्थन को वापस लेने वाले एक कानून पर हस्ताक्षर किया।
मुख्य बिंदु-
- डी-रेटिफिकेशन कानून को पुतिन की मंजूरी एक सरकारी वेबसाइट पर पोस्ट की गई थी जिसमें कहा गया था कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
- रूस की संसद पहले ही इस कदम को मंजूरी दे चुकी है।
- इस कदम को यूक्रेन में युद्ध को लेकर को अमेरिका और रूस के संबंधो में चल रहे टकराहट के रूप में देखा जा सकता है, जो 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है।
- अमेरिका ने रूस के फैसले पर गहरी चिंता जताई और इसे गलत दिशा में उठाया गया कदम बताया।
- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "रूस की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था में विश्वास को कम करने का काम करेगी।"
रूस का तर्क-
- रूस के अनुसार, सीटीबीटी से रूस को विमुक्त करने का उद्देश्य केवल रूस को अमेरिका के बराबर लाना है, क्योंकि अमेरिका ने संधि पर हस्ताक्षर तो किए लेकिन कभी इसकी पुष्टि नहीं की। रूसी राजनयिकों का कहना है कि जब तक अमेरिका ऐसा नहीं करता, रूस परमाणु परीक्षण फिर से शुरू नहीं करेगा।
- रूस के अनुसार, इस कदम से रूस की परमाणु स्थिति नहीं बदलेगी, जिसके पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार है।
- रूस अपनी परमाणु गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करता रहेगा, क्योंकि रूस सीटीबीटी का हस्ताक्षरकर्ता बना रहेगा।
चिंता का विषय-
- कुछ पश्चिमी हथियार नियंत्रण विशेषज्ञों को चिंता है कि यूक्रेन युद्ध के बीच रूस डर पैदा करने के लिए परमाणु परीक्षण की ओर बढ़ सकता है।
- 5 अक्टूबर,2023 कुछ रूसी सुरक्षा विशेषज्ञों और सांसदों द्वारा पश्चिम को चेतावनी के रूप में परमाणु बम का परीक्षण करने के आह्वान के बाद रूस को परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करना चाहिए या नहीं; इस पर पुतिन ने कुछ नहीं कहा।
- ऐसे कदम से तो बड़ी शक्ति वाले देशों के बीच परमाणु परीक्षण के होड़ के एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।
बेहद अफसोसजनक-
- व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध-संधि संगठन के प्रमुख रॉबर्ट फ्लॉयड के अनुसार, "व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि के अनुसमर्थन को रद्द करने का रूसी संघ का आज का निर्णय बहुत निराशाजनक और बेहद अफसोसजनक है।“
- संधि ने अवलोकन के लिए वैश्विक नेटवर्क स्थापित किया है, जो परमाणु विस्फोट से निकलने वाली ध्वनि, शॉकवेव्स या रेडियोधर्मी गिरावट का पता लगाता है।
- सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने परमाणु परीक्षण नहीं किया है।
- सोवियत संघ ने आखिरी बार 1990 में और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1992 में परमाणु परीक्षण किया था।
- 21वीं सदी में उत्तर कोरिया को छोड़कर किसी भी देश ने परमाणु विस्फोट से जुड़ा कोई परीक्षण नहीं किया है।
- संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ शोधकर्ता एंड्रे बाकलिट्स्की ने कहा है कि रूस द्वारा सीटीबीटी का डीरेटिफिकेशन परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की दिशा में एक कदम का हिस्सा है।
- डी-रेटिफिकेशन कानून को पुतिन की मंजूरी एक सरकारी वेबसाइट पर पोस्ट की गई थी जिसमें कहा गया था कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। रूस की संसद पहले ही इस कदम को मंजूरी दे चुकी है।
व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी)-
- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) को ही कांप्रेहेन्सिव टेस्ट बैन ट्रीटी कहा जाता है।
- यह संधि 24 सितंबर,1996 को अस्तित्व में आयी। उस समय इस पर 71 देशों ने हस्ताक्षर किया था। अब तक इस पर 185 सदस्य देशों ने इस पर हस्ताक्षर किये हैं और 170 देश इसे अनुमोदित (Ratify) कर चुके हैं।
- अभी तक अमेरिका, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इज़राइल, ईरान और मिस्र द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है।
- इस समझौते के द्वारा परमाणु परीक्षणों को प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें परमाणु हथियारों के लाइव परीक्षण भी शामिल हैं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह संधि 24 सितंबर,1996 को अस्तित्व में आयी।
- वर्ष,2023 में रूस इस संधि से बाहर निकल गया।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- सीटीबीटी पर रूस द्वारा अपना अनुसमर्थन वापस लेने का कदम अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था में विश्वास को कम करने का काम करेगी। समीक्षा कीजिए।
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स्रोत- indian express