(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय संबंध, समसामयिक घटनाक्रम) |
संदर्भ
हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस की परमाणु नीति में परिवर्तनों को मंजूरी दी है।
रूस की परमाणु नीति 1.0
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने वर्ष 2020 में रूस की परमाणु नीति (Nuclear Doctrine) के पहले संस्करण पर हस्ताक्षर किए थे।
- इस नीति के अनुसार, रूस किसी दुश्मन द्वारा परमाणु हमला या पारंपरिक हमले की स्थिति में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है, यदि राज्य के अस्तित्व को खतरा हो।
रूस की परमाणु नीति 2.0 के बारे में
- क्या है : रूस द्वारा जारी परमाणु नीति 2.0 में उन परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है जो रूस की सेना को विभिन्न परिस्थितियों में परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने की अनुमति देती हैं।
- इस नीति में परमाणु हथियारों को ‘निवारण का एक साधन’ (A Means of Deterrence) के रूप में और उनका प्रयोग ‘एक चरम एवं मजबूरीपूर्ण उपाय’ (Extreme and Compelled Measure) बताया गया है।
- शीर्षक : परमाणु निवारण पर राज्य नीति के बुनियादी सिद्धांत
- लक्ष्य : परमाणु खतरे को कम करने और अंतरराज्यीय संबंधों को बिगड़ने से रोकने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करना, जिससे परमाणु सहित सैन्य संघर्ष शुरू न हो।
- उद्देश्य : राज्य की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना, संभावित हमलावर को रोकना या सैन्य संघर्ष की स्थिति में शत्रुता को बढ़ने से रोकना और उन्हें रूसी संघ के लिए स्वीकार्य शर्तों पर रोकना
- आवश्यकता : अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूस पर आक्रमण करने के लिए लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देने के कारण
परमाणु नीति में संशोधन के प्रमुख बिंदु
- परमाणु शक्ति द्वारा समर्थित किसी गैर-परमाणु शक्ति (देश) द्वारा रूस पर किया गया कोई भी हमला रूस पर संयुक्त हमला माना जाएगा तथा किसी सैन्य गुट के किसी एक सदस्य द्वारा रूस पर किया गया कोई भी हमला पूरे गठबंधन द्वारा किया गया हमला माना जाएगा।
- संशोधित परमाणु नीति के अनुसार परमाणु हथियारों का उपयोग निम्नलिखित परिदृश्यों में किया जा सकता है :
- यदि रूस या उसके सहयोगी देशों के क्षेत्र को लक्ष्य करके बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होती है।
- यदि परमाणु हथियार या सामूहिक विनाश के अन्य हथियार रूस या उसके सहयोगी देशों के क्षेत्र पर हमला करते हैं या विदेशों में रूसी सैन्य इकाइयों या प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- यदि शत्रु देश से क्रूज मिसाइल, ड्रोन्स, हाइपरसोनिक मिसाइल के लॉन्च होने एवं रूस की सीमा पार करने के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होती है।
- यदि किसी शत्रु द्वारा रूसी सरकार या सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया जाता है।
- यदि किसी शत्रु द्वारा रूस या बेलारूस के विरुद्ध पारंपरिक हथियारों से आक्रमण किया जाता है और इससे उनकी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है।
- रूस के राष्ट्रपति अन्य देशों या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सैन्य और राजनीतिक नेताओं को परमाणु हथियारों के उपयोग की तत्परता या प्रयोग के निर्णय के बारे में सूचित कर सकते हैं।