प्रारम्भिक परीक्षा – साइगा /सैगा (Saiga) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ
11 दिसंबर, 2023 को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा इस प्रजाति (साइगा टाटारिका) को गंभीर रूप से लुप्तप्राय से बदलकर निकट संकटग्रस्त श्रेणी में कर दिया गया है।
साइगा /सैगा (Saiga) मृग :-
- इसका वैज्ञानिक नाम सैगा टाटारिका है।
- यह मृग की एक छोटी प्रजाति है, जो बकरी के आकार की (63-80 सेमी कंधे की ऊंचाई और 23-40 किलोग्राम वजन) है।
विशेषता:-
- इसका शरीर झुका हुआ, सिर बड़ा और एक विशिष्ट लटकती हुई सूंड वाली नाक होता है। यह हल्का मटमैला रंग का होता है, जो सर्दियों में गाढ़ा और सफेद हो जाता है।
- नर के सींग हल्के पीले रंग के होते हैं, जिनकी लंबाई 28-38 सेमी होती है।
- यह मृग हिमयुग के अंतिम समय में लगभग पूरे एशिया और यूरोप में पाए जाते थे।
- वर्तमान में यह कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, रूस और मंगोलिया में पाया जाता है।
- यह मृग रेगिस्तानी और मैदानी दोनों क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- यह प्रजाति अत्यधिक शिकार (मुख्य रूप से इसके सींगों के लिए) के कारण लुप्त होने के कगार पर पहुँच गया था, जिस कारण इसे वर्ष 2001 में IUCN की लाल सूची में 'गंभीर रूप से लुप्तप्राय' में रखा गया था जिसे बदलकर निकट संकटग्रस्त श्रेणी में कर दिया गया है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- IUCN द्वारा 11 दिसंबर, 2023 को किस मृग की प्रजाति को गंभीर रूप से लुप्तप्राय से बदलकर निकट संकटग्रस्त श्रेणी में कर दिया गया है?
(a) कस्तूरी
(b) नील गाय
(c) साइगा टाटारिका
(d) ओसबोर्न कारिबू
उत्तर: (c)
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