विद्युत मंत्रालय के नवीनतम निर्देशों के अनुसार सभी विद्युत उत्पादक कंपनियाँ कोयला आधारित थर्मल प्लांट बिजली बाजार में अधिशेष बिजली की पेशकश के लिए लिंकेज कोयले का उपयोग कर सकते हैं।
हालिया निर्देश
- यह निर्देश विद्युत उत्पादन स्टेशनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।
- इससे पूर्व लिंकेज कोयले के उपयोग की अनुमति केवल वितरण कंपनियों या डिस्कॉम के साथ दीर्घकालिक दायित्वों को पूरा करने के लिए थी।
- बिजली मंत्रालय ने बिजली कटौती से बचने के लिए आयातित कोयला-आधारित इकाइयों और सभी गैस-आधारित थर्मल प्लांटों को आने वाले महीनों के दौरान चालू रहने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं।
- नवीनतम निर्देश में विद्युत (देर से भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियम, 2022 की धारा 9(5) का उल्लेख किया गया है।
- यह अधिशेष बिजली की बिक्री का प्रावधान करता है, जो घोषित उत्पादन क्षमता के भीतर है लेकिन वितरण कंपनियों द्वारा अपेक्षित नहीं है।
- थर्मल पावर प्लांट पावर एक्सचेंज में अधिशेष बिजली बेचने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों के माध्यम से आपूर्ति किए गए कोयले का उपयोग कर सकते हैं।
- ये उपाय बिजली कटौती के जोखिम को कम करने के लिए बिजली मंत्रालय के सक्रिय एवं सतर्क दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं।
कोयला आधारित विद्युत पर अधिक निर्भरता
- भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 18 गीगावॉट से अधिक की रिकॉर्ड नवीकरणीय क्षमता जोड़ी है। लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में परिवर्तनशीलता के परिणामस्वरूप तापीय इकाइयों पर दबाव पड़ रहा है।
- देश में पर्याप्त ऊर्जा भंडारण बुनियादी ढाँचे की अनुपस्थिति को देखते हुए चरम मांग को पूरा करने के लिए कोयले एवं गैस पर भारत की निर्भरता अधिक स्पष्ट है।