वस्त्र मंत्रालय ने वस्त्र उद्योग में कौशल की कमी को पूरा करने तथा क्षमता निर्माण के लिये समर्थ योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कताई, बुनाई को छोड़कर उद्योग द्वारा वस्त्र निर्माण व संबंधित क्षेत्र में रोज़गार सृजन के प्रयासों में सहायता प्रदान करने के लिये मांग संचालित एवं रोज़गार उन्मुख कौशल प्रदान करना है।
इस योजना को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा अपनाए गए व्यापक कौशल ढाँचे के अनुसार तैयार किया गया है। इसे राज्य सरकार की एजेंसियों, वस्त्र मंत्रालय के क्षेत्रीय संगठनों, विनिर्माण उद्योग, उद्योग संघों तथा एम.एस.एम.ई. संघों के सहयोग से लागू किया जा रहा है।
इसके तहत निगरानी के लिये आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली तथा वेब आधारित केंद्रीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली का उपयोग एवं फीडबैक लेने व शिकायत निवारण के लिये कॉल सेंटरों की स्थापना की गई है। प्रशिक्षण केंद्रों का भौतिक सत्यापन जियो-टैगिंग एवं टाइम-स्टैम्प्ड फोटोग्राफ के साथ किया जाता है।
इन समूहों के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये वस्त्र मंत्रालय ने समयबद्ध तरीके से कारीगरों के समग्र विकास के लिये 65 समूहों को अपनाया है। समर्थ योजना के तहत इन गोद लिये गए समूहों में हस्तशिल्प कारीगरों के कौशल विकास के लिये तकनीकी व सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे उन्हें मज़दूरी या स्वरोज़गार के माध्यम से स्थायी आजीविका प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके।