भारत की तीनों सेनाओं- थल सेना, नौसेना एवं वायु सेना की महिला सैनिकों को ‘समुद्र प्रदक्षिणा मिशन’ के लिए भेजा गया है।
समुद्र प्रदक्षिणा मिशन
- क्या है : यह भारत का पहला त्रि-सेवा अखिल महिला नौकायन अभियान है जो मुंबई एवं सेशेल्स के बीच आयोजित किया जा रहा है।
- उद्देश्य : इसका उद्देश्य समुद्री प्रयासों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना एवं समुद्री कौशल को बेहतर करना है।
- महत्व : यह अभियान वर्ष 2026 के लिए नियोजित एक महत्वाकांक्षी जलयात्रा नौकायन अभियान के लिए एक प्रारंभिक चरण के रूप में कार्य करेगा।
- यह यात्रा भारत एवं सेशेल्स के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- समापन : 30 मई, 2025 को
प्रमुख बिंदु
- मिशन के तहत भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना की 12 महिला अधिकारी दल आई.ए.एस.वी. त्रिवेणी पर मुंबई-सेशेल्स-मुंबई की 55-दिवसीय 4,000 समुद्री मील की यात्रा की जाएगी।
- इस अभियान में आधुनिक नेविगेशन टूल्स की बजाय पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जाएगा।
- यह अभियान न केवल सशस्त्र बलों में महिलाओं के सशक्तीकरण का प्रतीक है बल्कि रानी वेलु नचियार, रानी दुर्गावती एवं रानी लक्ष्मी बाई जैसी भारत की महान योद्धा रानियों को भी श्रद्धांजलि देता है जिनके कार्य पीढ़ियों को प्रेरित करते रहे हैं।
- यह अभियान समुद्री प्रयासों में समावेशिता एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।