सामान्यत: सॉना (Sauna) ऐसे कक्ष होते हैं जिनका तापमान उच्च (आमतौर पर 150-200 डिग्री फ़ारेनहाइट के बीच) होता है जिसमें बैठने या लेटने के लिए बेंच होते हैं।
इसका प्रयोग प्राय: वजन कम करने के लिए किया जाता है।
सॉना में रहने से शरीर के तापमान में वृद्धि के साथ ही हृदय गति बढ़ जाती है। इससे शरीर से पसीना निकलता है जो शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा करता है।
सॉना से कम होने वाला वजन मुख्यत: पसीने के रूप में निकला पानी का वजन होता है, इसलिए यह अस्थायी होता है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार सॉना के दौरान निकले पसीने की मात्रा एक घंटे में 0.6 से 1.0 किग्रा. तक हो सकती है।
हालाँकि सॉना के तापमान एवं आर्द्रता तथा व्यक्ति के पसीने की दर जैसे कारकों के आधार पर वजन में कमी अलग-अलग हो सकती है।
सॉना का नियमित उपयोग पसीने के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर के विषहरण (Detoxification) में सहायता करता है।
यह हृदय स्वास्थ्य में सुधार के साथ ही यह मांसपेशियों को कसरत से उबरने में भी मदद करता है।
सॉना चिंता के स्तर को कम कर नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है जो अंतत: स्वास्थ्य में सुधार करता है।