(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समसामयिकी घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों व विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय) |
संदर्भ
भारत सरकार ने देश के वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार एवं तकनीकी विकास के क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विज्ञान धारा योजना के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
विज्ञान धारा योजना के बारे में
- परिचय : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा संचालित केंद्रीय क्षेत्रक योजना
- प्रारंभ : 16 जनवरी, 2025 से
- उद्देश्य : देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नवाचार पारितंत्र को मजबूत करने की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार तथा प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना
- प्रमुख घटक : इस योजना में निम्न तीन प्रमुख योजनाओं का एकीकरण :
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थागत व मानव क्षमता निर्माण
- शोध एवं विकास
- नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास एवं परिनियोजन
- बजट आवंटन में वृद्धि :
- वर्ष 2024-25 के 330.75 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2025-26 में 1425.00 करोड़ रुपए का आवंटन
- योजना हेतु प्रस्तावित परिव्यय 15वें वित्त आयोग के अनुरूप वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपए

विज्ञान धारा योजना के प्रमुख केंद्र बिंदु
क्षमता निर्माण
- शैक्षणिक संस्थानों में उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना
- संकाय विकास और छात्र अनुसंधान को बढ़ावा देना
- अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देना
शोध एवं विकास
- अंतर्राष्ट्रीय वृहत सुविधाओं तक पहुंच के साथ बुनियादी शोध को प्रोत्साहित करना
- संधारणीय ऊर्जा, जल आदि जैसे क्षेत्रों में पारदेशीय अनुसंधान को बढ़ावा देना
- अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग द्वारा शोध कार्यों को बढ़ावा देना
- देश के शोध एवं विकास आधार का विस्तार करने तथा पूर्णकालिक शोधकर्ताओं की संख्या में सुधार करने के लिए मानव संसाधन पूल के निर्माण में योगदान देना
नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विकास
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में स्टार्टअप व उद्यमियों को बढ़ावा देना
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं व्यावसायीकरण को सुविधाजनक बनाना
- स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना
- लक्षित समाधान कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल स्तर से लेकर उच्च शिक्षा, उद्योगों एवं स्टार्टअप तक नवाचार प्रयासों को सुदृढ़ बनाना
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्रित कार्यक्रम
- महत्वपूर्ण समाधान कार्यक्रमों व योजनाओं के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (STI) में लैंगिक समानता सुनिश्चित करना
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
- संयुक्त शोध परियोजनाओं को बढ़ावा देना
- अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना
- वैश्विक वैज्ञानिक दिग्गज के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- इस योजना के अंतर्गत शोध निधि स्वच्छ ऊर्जा, जल, नैनो एवं उन्नत सामग्री, साइबर-भौतिक प्रणाली, क्वांटम विज्ञान, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और औद्योगिक प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों को समर्थन प्रदान करती है।
- इनके परिणामों में वैज्ञानिक प्रकाशन, बौद्धिक संपदा निर्माण (पेटेंट), प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं औद्योगिक डिजाइन शामिल हैं।
- शोधकर्ताओं को शोध प्रकाशन करने और बौद्धिक संपदा सृजन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि ये कैरियर की प्रगति के लिए प्रमुख प्रदर्शन संकेतक हैं।
योजना के प्रमुख प्रभाव
- शिक्षा जगत, सरकार एवं उद्योग के बीच बेहतर सहयोग
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि
- वैश्विक मानकों और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप शोध एवं विकास क्षमताओं में मजबूती
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- वैज्ञानिक शोध के लिए बजट आवंटन में लगातार वृद्धि
- अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) अधिनियम, 2023 के माध्यम से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना
- उत्कृष्टता केंद्रों का सृजन
- अनुसंधान फेलोशिप और शोध कार्यक्रम शुरू करना
- शोध एवं विकास में उद्योग की भागीदारी को प्रोत्साहित करना
- वैज्ञानिक प्रकाशनों में वृद्धि

निष्कर्ष
विज्ञान धारा नवाचार को बढ़ावा देने, शोध क्षमताओं को मजबूत करने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देकर भारत के वैज्ञानिक परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए तैयार है। सरकार की ओर से की गई बजटीय आवंटन वृद्धि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक दिग्गज के रूप में भारत की स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह देश के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के साथ समावेशी भागीदारी एवं अनुरूपता सुनिश्चित करता है।