New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ‘वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व’ (Scientific Social Responsibility: SSR) सम्बंधी नीति को अगले कुछ महीनों में लागू करने की तैयारी कर रही है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्व विज्ञान दिवस के अवसर पर शांति और विकास के लिये विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डी.एस.टी.) तथा यूनेस्को द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वेबिनार में वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व पर व्यापक स्तर पर ज़ोर दिया गया।
  • उल्लेखनीय है कि विश्व विज्ञान दिवस हर वर्ष 10 नवम्बर को मनाया जाता है। इस वर्ष विज्ञान दिवस का विषय. ‘विज्ञान, समाज के लिये और समाज के साथ’ (Science For and With Society) है।
  • विज्ञान और समाज के बीच नया जुड़ाव विकसित करने हेतु वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व महत्त्वपूर्ण है।

लाभ

  • विज्ञान को लोगों तक अधिकाधिक पहुँचाने की आवश्यकता है, जिससे इसका प्रयोग शांति व विकास के लिये एक प्रमुख उपकरण के रूप में किया जा सके। इस प्रकार विज्ञान को समाज से जोड़ने पर विज्ञान व प्रौद्योगिकी दोनों ही शांति तथा विकास के सबसे मज़बूत स्तम्भों में से एक बन सकते हैं।
  • समाज के लिये व्यापक पैमाने पर विज्ञान का संचार एक बड़ी चुनौती है, जिसको वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व के माध्यम से दूर किया जा सकेगा। साथ ही, विज्ञान तथा समाज के बीच एक नया इंटरफेस विकसित किया जा सकेगा।
  • टीकाकरण, निगरानी व स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ व्यापार व ऑनलाइन कक्षाओं के लिये भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार महत्त्वपूर्ण माध्यम बन गए हैं। अत: समाज और विज्ञान के बीच अंतराल को कम किये जाने की आवश्यकता है, जिसे वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व के माध्यम से किया जा सकेगा।
  • वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्त्व के माध्यम से विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी।
  • उल्लेखनीय है कि डी.एस.टी. द्वारा ‘किरण कार्यक्रम’ (Knowledge Involvement in Research Advancement through Nurturing) का संचालन किया जाता है, जो महिला वैज्ञानिक कार्यक्रम के माध्यम से विज्ञान में महिलाओं को सशक्त बनाने में उनकी मदद करता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR