प्रारंभिक परीक्षा: दूसरा थॉमस शोल, दक्षिण चीन सागर विवाद, EEZ, नाईन डैश लाइन, स्प्रैटली द्वीपसमूह मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
चर्चा में क्यों:
हाल ही में फिलीपींस ने दावा किया कि दूसरे थॉमस शोल के पास चीन के तट रक्षक जहाजों ने उसकी नावों के साथ टकराव किया है।
दूसरा थॉमस शोल:
- यह एक आंसू-बूंद के आकार का एटोल (प्रवालद्वीप) है, जिसकी उत्तर-दक्षिण में लम्बाई 11 समुद्री मील है और यह मूंगा चट्टानों से घिरा हुआ है।
- फिलीपींस ने पहली बार 1990 के दशक के अंत में इस पर कब्ज़ा किया था।
- इसे फिलीपींस में आयुंगिन और चीन में रेनाई रीफ के नाम से जाना जाता है।
- ये क्षेत्र विश्व के सबसे व्यस्ततम व्यापारिक रास्तों में से है।
- फिलीपींस ने इसके डूबे हुए बीआरपी सिएरा माद्रे जहाज पर एक चौकी स्थापित की।
- फिलीपींस का दावा है कि यह तट उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर स्थित है।
- EEZ भौगोलिक सीमा से अलग एक सामुद्रिक क्षेत्र है
- यह सीमा सामान्यतः तट से 200 समुद्री मील तक फैली होती है
- दूसरा थॉमस शोल पलावन के फिलीपीन द्वीप से लगभग 108 समुद्री मील (200 किमी) दूर स्थित है।
चीन का दावा:
- चीन ऐतिहासिक और विवादास्पद नाइन-डैश लाइन के आधार पर द्वितीय थॉमस शोल सहित दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर संप्रभुता का दावा करता है।
- वर्ष 2013 में, फिलीपींस ने हेग में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय में चीन के खिलाफ एक मामला दायर किया था।
- इसमें द्वितीय थॉमस शोल सहित दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों और गतिविधियों की वैधता को चुनौती दी गई थी।
- कोर्ट ने वर्ष 2016 में फिलीपींस के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन चीन ने फैसले को खारिज कर दिया।
स्प्रैटली द्वीपसमूह विवाद:
- यह द्वीपसमूह दक्षिण चीन सागर में स्थित हैं।
- इसके आसपास की भौगोलिक विशेषताओं जैसे- प्रवाल भित्ति और काईज आदि के स्वामित्व को लेकर चीन व पड़ोसी देशों ताइवान, वियतनाम, फिलिपींस और मलेशिया के बीच एक क्षेत्रीय विवाद लम्बे समय से चल रहा है।
- यह द्वीप समूह लगभग निर्जन है, परंतु उसके आस-पास प्राकृतिक संसाधनों के समृद्ध विस्तृत भंडार की सम्भावना अत्यधिक है।
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दक्षिणी चीन सागर:
- यह चीन के दक्षिण में स्थित एक सीमांत सागर है।
- यह प्रशांत महासागर का एक भाग है, जो सिंगापुर से लेकर ताईवान की खाड़ी लगभग 35,00,000 वर्ग किमी में फैला हुआ है।
- पाँच महासागरों के बाद यह विश्व के सबसे बड़े जलक्षेत्रों में से एक है।
- इस सागर में बहुत से छोटे-छोटे द्वीप हैं, जिस पर तट से लगते विभिन्न देशों की संप्रभुता की दावेदारी है।
दक्षिणी चीन सागर में चीन की दिलचस्पी:
- इलाके का सामरिक और व्यापारिक महत्व
- माना जाता है इस समुद्री क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार है।
- यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के अनुसार, इसमें 11 बिलियन बैरल्स तेल और 190 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस संरक्षित है।
- विश्व के समुद्री व्यापार का करीब 20 फीसद कारोबार इसी क्षेत्र से होता है।
- यह चीन के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन सकता है। इसलिए वह इसे नहीं छोड़ना चाहता है।
क्या है विवाद?
- चीन दक्षिण चीन सागर के लगभग 80% हिस्से पर अपना दावा करता आया है।
- वर्ष 1947 में चीन ने पहली बार इलेवन डैश लाइन के माध्यम से दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा पेश किया था।
- नाइन-डैश लाइन नौ चिन्हों की एक वक्राकार रेखा है, जिसके अंतर्गत दक्षिणी चीन सागर का लगभग 90% क्षेत्र सम्मिलित हो जाता है।
- वर्ष 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन के बाद टोंकिन की खाड़ी को इलेवन डैश लाइन से बाहर कर नाईन डैश लाइन को अस्तित्व में लाया गया।
- इसके बाद वर्ष 1958 में जारी चीन के घोषणा पत्र में भी नाइन डैश लाइन के आधार पर दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर अपना दावा किया गया।
- चीन के मानचित्र पर बनी नाइन-डैश लाइन के अंतर्गत आने वाले जलीय क्षेत्र को ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम, ब्रूनेई व मलेशिया के जलीय क्षेत्र ओवरलैप करते हैं।
- वर्ष 2016 में अंतर्राष्ट्रीय अधिकरण ने नाइन डैश लाइन को विधिक रुप से आधारहीन घोषित कर दिया था, परंतु चीन ने इस निर्णय को मानने से इंकार कर दिया था।
- चीन इस क्षेत्र में लगातार कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर रहा है।
- इसके बाद कई एशियाई देशों ने चीन के इस कदम से असहमति जताई; तब से ही इस क्षेत्र पर विवाद कायम है।
प्रश्न- ‘दूसरा थॉमस शोल’ का संबंध, निम्नलिखित में से किससे है?
(a) फिलीपींस और चीन के बीच विवादित क्षेत्र
(b) रूस और यूक्रेन के बीच विवादित क्षेत्र
(c) इजरायल और हमास के बीच विवादित क्षेत्र
(d) पाकिस्तान और ईरान के बीच विवादित क्षेत्र
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: दक्षिणी चीन सागर विवाद का उल्लेख करते हुए इसमें विभिन्न देशों की दिलचस्पी की चर्चा कीजिए।
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