प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, स्वदेश दर्शन योजना, स्वदेश दर्शन 2.0 योजना, प्रसाद योजना मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 और 3 |
संदर्भ-
- केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत पूर्वोत्तर के 15 स्थलों को विकास के लिए चुना गया है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत से समृद्ध क्षेत्र पूर्वोत्तर में पर्यटन को बढ़ावा देना है।
मुख्य बिंदु-
- पर्यटन मंत्रालय ने 2022-23 में राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के परामर्श से गंतव्य-केंद्रित दृष्टिकोण के बाद टिकाऊ और जिम्मेदार(sustainable and responsible) पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना को नया रूप स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0) दिया है।
- स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत गंतव्य स्थान के लिए देश भर में चुने गए 50 में से 15 गंतव्य स्थान पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से चुने गए हैं।
- स्वदेश दर्शन योजना 1.0 और प्रसाद योजनाओं के तहत स्वीकृत कई परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और उपयोग के लिए जनता को समर्पित कर दी गई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट-
- केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड के संगमा की उपस्थिति में 21 नवंबर,2023 को शिलांग में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (ITM) के 11वें संस्करण का उद्घाटन किया।
- यह तीन दिवसीय कार्यक्रम लारिटी इंटरनेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स एंड कल्चर में आयोजित किया जा रहा है।
- इस साल आईटीएम कई मायनों में अलग है, लंबे अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय टूर ऑपरेटर, ब्लॉगर इस मौजूदा संस्करण में भाग ले रहे हैं।
- मंत्रालय इस आयोजन को कार्बन न्यूट्रल बनाने का प्रयास कर रहा है।
- मार्ट में अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के बीच बी2बी बैठक भी होगी।
- मार्ट में युवा पर्यटन के बैनर तले देश के विभिन्न हिस्सों से छात्रों की भागीदारी भी शामिल हैं, जिसका उद्देश्य छात्रों को इस सांस्कृतिक समृद्ध क्षेत्र का प्रत्यक्ष ज्ञान प्रदान करना है।
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट मंत्रालय द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों में से एक में रोटेशन के आधार पर आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।
- ITM के पहले संस्करण गुवाहाटी, तवांग, शिलांग, गंगटोक, अगरतला, इंफाल, कोहिमा और आइजोल में आयोजित किए गए थे।
- 2011 में मार्ट की स्थापना के बाद शिलांग दूसरी बार इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का उद्देश्य है-
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- इसका उद्देश्य उत्तर पूर्वी हितधारकों को देश और विदेशी बाजारों दोनों से अपने समकक्षों के साथ बातचीत करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करना है।
- उत्तर पूर्व क्षेत्र (एनईआर) की पर्यटन क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करना और इसके अद्वितीय पर्यटन उत्पादों, समृद्ध जैव विविधता, स्थानीय परंपराओं, नृत्य रूपों, कला, हस्तशिल्प और हथकरघा सहित अद्वितीय अमूर्त विरासत को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के सामने उजागर करना है।
पूर्वोत्तर के चुने गए गंतव्य स्थान-
- पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से निम्नलिखित गंतव्य स्थान चुने गए हैं-
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- अरुणाचल प्रदेश- नाचो और मेचुका
- असोम- जोरहाट और कोकराझार
- मणिपुर- मोइरांग (बिष्णुपुर)
- मेघालय- शिलांग और सोहरा
- मिजोरम- आइजोल और चम्फाई
- नागालैंड- न्यूलैंड और चुमुकेदिमा
- सिक्किम- गंगटोक और ग्यालशिंग
- त्रिपुरा- अगरतला और उनाकोटि
स्वदेश दर्शन योजना-
- स्वदेश दर्शन योजना विषयगत पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के उद्देश्य से पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- इस योजना का उद्देश्य भारत में पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देना, विकसित करना और उसका दोहन करना है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय सर्किट के अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन को केंद्रीय वित्तीय सहायता - सीएफए प्रदान करता है।
- इस योजना की परिकल्पना स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसे अन्य योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए की गई है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन, आर्थिक विकास के लिए प्रेरक शक्ति, विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बनाने ताकि पर्यटन को अपनी क्षमता का एहसास हो सके, के लिए एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थान दिया गया है।
- केंद्र ने 2015 और 2022 के बीच स्वदेश दर्शन योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में 16 पर्यटन संबंधी परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।
- पर्यटन मंत्रालय ने स्थानीय समुदायों के लिए स्व-रोज़गार सहित नौकरियाँ पैदा करने और स्थानीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित और बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी स्वदेश दर्शन योजना को नया रूप दिया है।
- योजना के तहत मंत्रालय देश में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन या केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
स्वदेश दर्शन 2.0 योजना-
- वर्ष,2023 में पर्यटन मंत्रालय ने टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों के विकास के लिए अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0) के रूप में नया रूप दिया है।
- स्वदेश दर्शन 2.0 योजना का उद्देश्य पर्यटन और आतिथ्य में निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि की परिकल्पना करना है।
- इससे पर्यटन के क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) बढ़ाने और योजना के तहत निर्मित संपत्तियों के संचालन और रख-रखाव में मदद मिल सकती है
प्रसाद योजना-
- भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में PRASAD(प्रसाद) योजना शुरू की थी। प्रसाद योजना का पूर्ण रूप 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान' है।
- यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित करने और पहचान करने पर केंद्रित है।
- इसका उद्देश्य एक संपूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान करने के लिए तीर्थ स्थलों को प्राथमिकता, नियोजित और संधारणीय तरीके से एकीकृत करना है।
- घरेलू पर्यटन का विकास बहुत हद तक तीर्थ पर्यटन पर निर्भर करता है।
- तीर्थ पर्यटन की क्षमता का दोहन करने के लिए सरकार द्वारा अन्य हितधारकों के सहयोग के साथ-साथ चयनित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास की आवश्यकता है।
- प्रसाद योजना का उद्देश्य भारत में धार्मिक पर्यटन के विकास और संवर्धन का मार्ग प्रशस्त करना है।
- प्रसाद योजना के तहत मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के राज्यों में पहचाने गए तीर्थ स्थलों के एकीकृत विकास के लिए 256.45 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
- आईटीएम में पर्यटन मंत्रालय ने घोषणा की कि उसने प्रसाद योजना के तहत मेघालय में चार प्रतिष्ठित धार्मिक पर्यटन स्थलों - नर्तियांग शक्ति पीठ, नोंगसावलिया प्रेस्बिटेरियन चर्च, ऐटनार पूल और चरणतला काली मंदिर को विकसित करने के लिए 29.32 करोड़ रुपये मंजूर दी है।
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- नर्तियांग शक्ति पीठ पश्चिमी जैंतिया हिल्स में सदियों पुराना दुर्गा मंदिर है और इसे शक्ति पीठ माना जाता है।
- नोंगसावलिया प्रेस्बिटेरियन चर्च पूर्वी खासी हिल्स के सोहरा में स्थित है।
- ऐटनार पूल पश्चिमी जैंतिया हिल्स में एक लोकप्रिय उत्सव का आयोजन करता है।
- चरणतला काली मंदिर पश्चिम गारो हिल्सी जिले में देवी काली को समर्पित है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए।
राज्य |
स्थान |
1. मिजोरम |
चम्फाई |
2. नागालैंड |
चुमुकेदिमा |
3. सिक्किम |
ग्यालशिंग |
उपर्युक्त में से कितना/कितने युग्म सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन विकास में स्वदेश योजना और प्रसाद योजना की भूमिका को स्पष्ट करें।
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स्रोत- indian express