चार सशस्त्र चीनी तटरक्षक पोतों द्वारा पूर्वी चीन सागर के सेनकाकू द्वीप जल क्षेत्र में प्रवेश करने पर जापान ने चीन से विरोध दर्ज कराया है। जापान इसे अपना क्षेत्र मानता है।
सेनकाकू संबंधी विवाद
- यह विवाद निर्जन द्वीपों के एक समूह से संबंधित है, जिसे जापान में सेनकाकू द्वीपसमूह तथा चीन में दियाओयू द्वीपसमूह के नाम से जाना जाता है।
- जापान एवं चीन दोनों ही इन द्वीपों पर स्वामित्व का दावा करते हैं। ताइवान भी इस द्वीपीय क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है।
- हालाँकि, वर्तमान में इसे जापान द्वारा शासित किया जा रहा है।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वर्ष 1951 में सैन फ्रांसिस्को शांति संधि के माध्यम से जापान के अधिकार क्षेत्र को पारिभाषित किया गया था। इस संधि के अनुसार, सेनकाकू द्वीपसमूह को अमेरिका के प्रशासन के अधीन नानसेई शोटो द्वीप (Nansei Shoto Islands) के हिस्से के रूप में रखा गया था।
- वर्ष 1972 में जापान व अमेरिका के मध्य हुए समझौते से सेनकाकू द्वीपसमूह का प्रशासनिक नियंत्रण जापान को सौंप दिया गया।
- ये द्वीप रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नौवहन मार्गों के निकट होने के साथ ही मत्स्य उत्पादन की दृष्टि से भी समृद्ध क्षेत्र है।
- कुछ वर्षों पूर्व जापान ने उसके द्वारा नियंत्रित सेनकाकू द्वीप के पास स्थित ‘टोनोशीरो द्वीप’ का नाम टोनोशीरो सेनकाकू (Tonoshiro Senkaku) कर दिया था।
- चीन के साथ अन्य समुद्री विवादों में दक्षिण चीन सागर में स्थित स्प्रैटली द्वीप समूह (वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई व ताइवान), पेरासेल द्वीप समूह (वियतनाम), स्कारबोरो शोअल (फिलीपींस) और टोंकिन (वियतनाम) शामिल हैं।
सेनकाकू द्वीप के बारे में
- सेनकाकू द्वीप जापान, चीन एवं ताइवान के बीच पूर्वी चीन सागर में स्थित हैं। सेनकाकू शृंखला में पाँच टापू शामिल हैं :
- ऊत्सुरी द्वीप
- कुबा द्वीप
- ताइशो द्वीप
- किताकोजिमा द्वीप
- मिनामिकोजिमा द्वीप