प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, शानन जलविद्युत परियोजना मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों:
केंद्र सरकार ने 1 मार्च, 2024 को निर्देश दिया कि शानन जलविद्युत परियोजना पर यथा स्थिति बनाए रखी जाए, जिस पर पंजाब और हिमाचल प्रदेश अपना- अपना दावा करते हैं। पंजाब ने इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है।
मुख्य मुद्दा :
- 110 मेगावाट के शानन बिजली परियोजना की परिकल्पना 1922 में पंजाब सरकार के तत्कालीन मुख्य अभियंता कर्नल बट्टी ने की थी।
- यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदरनगर में स्थित है।
- इसे 1925 में पंजाब को 99 साल के लिए पट्टे पर दिया गया था।
- पट्टे पर मंडी के तत्कालीन शासकराजा जोगिंदर बहादुर और कर्नल बीसी बैटी ने हस्ताक्षर किए गए थे।
- इस परियोजना का पहला चरण (48 मेगावाट) वर्ष,1932 में शुरू किया गया था।
- 99 वर्ष पुरानीयह लीज 2 मार्च, 2024को समाप्त हो गई।
- हिमाचल प्रदेश के अनुसार, पट्टा समाप्त होने के बाद यह परियोजना उसके पास रहनी चाहिए।
- हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि वे लीज की अवधि समाप्त होने के बाद परियोजना पर पंजाब के दावे को स्वीकार नहीं करेंगे।
- हिमाचल सरकार का आरोप है कि यह परियोजना खराब स्थिति में है, क्योंकि पंजाब इसकी मरम्मत या रखरखाव नहीं कर रहा है।
शानन परियोजना पर पंजाब का क्या दावा है:
- आज़ादी से पहले इस परियोजना से अविभाजित पंजाब और दिल्ली को पानी मिलता था।
- विभाजन के बाद लाहौर को पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई और अमृतसर के वेरका गांव में इसकी ट्रांसमिशन लाइन बंद कर दी गई।
- 1966 में राज्यों के पुनर्गठन के दौरानयह जल विद्युत परियोजना पंजाब को दे दी गई, क्योंकि उस समय हिमाचल प्रदेश एक केंद्र शासित प्रदेश था।
- इसे केंद्रीय सिंचाई और ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 1 मई, 1967को जारी एक केंद्रीय अधिसूचना द्वारा राज्य को आवंटित किया गया था।
- इसमें कहा गया कि इस परियोजना पर पंजाब का कानूनी नियंत्रण वर्ष, 1967 की अधिसूचना के साथ पढ़े गए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के प्रावधानों के तहत था।
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब की याचिका:
- सुप्रीम कोर्ट में पंजाब ने तर्क दिया है कि शानन जलविद्युत परियोजना पर उसका वैध अधिकार है।
- इस परियोजना की सभी संपत्तियां वर्तमान में पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के माध्यम से राज्य सरकार के प्रारंभिक नियंत्रण में हैं।
- पंजाब सरकार ने हिमाचल प्रदेश सरकार को परियोजना के वैध शांतिपूर्ण कब्जे और सुचारू कामकाज में बाधा डालने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है।
- पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को भी एक पक्ष बनाया है।
केंद्र सरकार का निर्देश :
- 99 वर्ष पुरानी लीज समाप्त होने के एक दिन पहले केंद्र सरकार ने 1 मार्च, 2024 को परियोजना को चालू रखने के लिए अंतरिम उपाय के रूप में परियोजना पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
- विद्युत मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि,
- पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 67 और 96 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुएयह निर्देश दिया जाता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार और पंजाब सरकार 2मार्च 2024 को लीज की अवधि समाप्त होने के बाद अंतिम निर्णय लेने तक इस परियोजना के कामकाज के संबंध में यथास्थिति बनाए रखेंगी।
निर्देश का मतलब:
- निर्देश के अनुसार,
- इस आदेश की प्रकृति अंतरिम उपाय के रूप में है।
- इसे किसी भी दावे या हित के आधार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
- दोनों पक्षों से विवाद के निपटारे से संबंधित सभी मामलों पर आगे बढ़ने की उम्मीद की जाती है।
- ऐसे तरीके से जैसा कि वे उचित समझें और कानूनी ढांचे के भीतर उचित हो।
- विवाद को दूर करने का एक उपाय वर्तमान स्थिति को बनाए रखना होगा, ताकि शानन पावर प्रोजेक्ट के कामकाज में बाधा न आए।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- शानन जलविद्युत परियोजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदरनगर में स्थित है।
- इसे 1925 में पंजाब को 99 साल के लिए पट्टे पर दिया गया था।
- इस परियोजना का पहला चरण वर्ष,1932 में शुरू किया गया था।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चीन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर- (d )
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न-शानन जलविद्युत परियोजना को लेकर उत्पन्न विवाद की समीक्षा कीजिए।
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