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शिगेला : आँतों का संक्रमण

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य)

संदर्भ

हाल ही में, उत्तरी केरल के कोझिकोड ज़िले में शिगेला से संक्रमण के कुछ नए मामले सामने आए हैं। इसके प्रसार को रोकने के लिये निवारक उपायों की तत्काल आवश्यकता होती है। यह एक वैश्विक समस्या है, जो ज्यादातर विकासशील देशों में संक्रमण का कारण बनती है।

क्या है शिगेला संक्रमण?

  • शिगेला (Shigella) एक प्रकार का बैक्टीरिया है जिससे आँतों में गंभीर संक्रमण होता है। यह एक संक्रामक रोग है। शिगेला संक्रमण को शिगेलोसिस (Shigellosis) भी कहते हैं।
  • यह बैक्टीरिया दस्त/अतिसार (Diarrhea) के लिये उत्तरदाई मुख्य रोगाणुओं में से एक है। यह रोग विशेष रूप से अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में बच्चों को प्रभावित करता है।
  • यह बैक्टीरिया अंतर्ग्रहण (Ingestion) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने के बाद बड़ी आँत (Colon) के उपकला अस्तर (Epithelial Lining) को प्रभावित करता है। इसके परिणामस्वरूप कोशिकाओं में सूजन व जलन प्रारंभ हो जाती है और गंभीर मामलों में कोशिकाएँ नष्ट भी हो जाती है।
  • जीवों द्वारा अवशोषण अथवा मुँह के माध्यम से पोषक तत्वों एवं भोज्य पदार्थ के उपभोग की प्रक्रिया को अंतर्ग्रहण कहते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि शिगेला बैक्टीरिया की बहुत कम संख्या भी किसी व्यक्ति को बीमार करने में सक्षम है।

सामान्य लक्षण

  • शिगेला रोगाणु के शरीर में प्रवेश करने के एक-दो दिनों के भीतर ही इसके लक्षण परिलक्षित होने लगते हैं। इस रोग के लक्षण मध्यम से लेकर गंभीर तक होते हैं।
  • इस रोग का सामान्य लक्षण दस्त (अधिकतर खूनी एवं पीड़ायुक्त), पेट दर्द, बुखार, मतली (Nausea) और उल्टी हैं।
  • कुछ संक्रमितों में इसका कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है परंतु वे बीमारी फैला सकता है। इससे किसी भी आयु के लोग संक्रमित हो सकते हैं लेकिन 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शिगेला के संक्रमण का खतरा सबसे अधिक रहता है।

क्या है प्रसार का कारण?

  • यह एक अत्यधिक संक्रामक रोग है, जो व्यक्ति-से-व्यक्ति में फैलता है। बच्चों की देखभाल और उनके शौच संबंधी कार्यों में संलग्न लोगों के द्वारा बिना धुले और गंदे हाथों से खाना खाने से भी इसका प्रसार होता है।
  • साथ ही, दूषित पानी पीने या बासी भोजन का सेवन करने से व्यक्ति शिगेला संक्रमण की चपेट में आ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है। विश्व भर में इसके प्रसार का सबसे सामान्य रूप दूषित भोजन और पानी ही है।
  • इस बात की भी अत्यधिक संभावना है कि एक ही शौचालय का उपयोग करने से भी यह संक्रमण दूसरों में फैल जाए। 

संक्रमण की गंभीरता

  • अधिकांश मामलों में इससे पीड़ित रोगी कुछ दिनों तक दस्त की समस्या का सामना करते है और फिर धीरे-धीरे इसमें कमी आ जाती हैं और इसके अधिकतर मामलें गंभीर नहीं होते है
  • यदि दस्त एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है और रोगी बुखार व पेट दर्द से पीड़ित है, तो उचित परामर्श आवश्यक है। ।
  • हालाँकि, कुछ मामलों में यदि गंभीर लक्षणों को भी एक सप्ताह तक नज़रंदाज़ कर दिया जाता है तो शिगेला संक्रमण से दौरे, गुदा द्वार में समस्या और रिएक्टिव अर्थराइटिस (Reactive Arthritis) जैसी जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु भी हो सकती है।

संक्रमण से बचाव

  • विशेषज्ञों के अनुसार, इससे बचाव के लिये विशेष रूप से बच्चों की शौच क्रिया में संलग्नता के बाद और भोजन तैयार करने व खाने से पहले साबुन से हाथ धोना महत्त्वपूर्ण है।
  • साथ ही, पूल, तालाबों और झीलों में तैरते समय पानी को न निगलने और उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है।
  • अस्वास्थ्‍यकर स्थितियों में तथा बाहर के संदूषित आहार को खाने से भी बचना चाहिये। साथ ही बेहतर साफ-सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता से इसके प्रसार को रोका जा सकता है।
  • विशेषज्ञ ऐसे व्यक्तियों के साथ यौन संबंध ना बनाने की सलाह देते है, जो हाल ही में शिगेला संक्रमण से उबरा हो। इसके अतिरिक्त कुंओं सहित अन्य जल स्रोतों का सुपर-क्लोरिनेशन किया जाना भी आवश्यक है।
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