शॉक डायमंड के बारे में
कभी-कभी जब कोई रॉकेट या जेट उड़ान भरता है तो उसके निकास (Exhaust) द्वार पर हल्के एवं गहरे धब्बों (Patch) का एक एकांतरिक पैटर्न बन जाता है। इस संरचना में चमकीले धब्बों को ‘शॉक डायमंड’ (Shock Diamonds) या ‘मैक डायमंड’ (Mach Diamonds) कहा जाता है।
शॉक डायमंड के निर्माण की प्रक्रिया
- शॉक डायमंड का निर्माण तब होता है जब किसी इंजन का धुआँ सुपरसोनिक गति से वायुमंडल में निष्काषित होता है।
- जैसे ही इंजन से धुआँ बाहर निकलता है, निकास का दबाव समान ऊंचाई पर वायुमंडलीय दबाव से कम हो सकता है। धुआँ बाहर निकलने के बाद वायुमंडल इसे तब तक संपीड़ित (Compresses) करता है जब तक कि दोनों दबाव बराबर न हो जाएँ।
- यह भी संभव है कि निकास अत्यधिक संपीड़ित हो जाए। ऐसे में इस बिंदु पर यह अपना दबाव कम करने के लिए पुनः बाहर की ओर प्रसारित होगा।
- उतार-चढ़ाव (Seesawing) की यह प्रक्रिया का कई बार दोहराव हो सकता है जब तक कि निकास या गैंसों का दबाव, वायुमंडलीय दबाव के सामान (बराबर) न हो जाए। इस पूरी प्रक्रिया में निकास पाइप (Exhaust Plume) में तरंगें उत्पन्न होती हैं जिससे ‘शॉक डायमंड’ का निर्माण होता है।
- जब वायुमंडलीय दबाव निकास पाइप पर पड़ता है तो यह बाहर की ओर जाने वाले निकास को अंदर की ओर मोड़ देता है, इससे पहले कि इसका दबाव निकास को फिर से बाहर की ओर मोड़ दे। यह प्रक्रिया चलती रहती है। जब यह अंदर की ओर प्रवाहित होता है तो उस हिस्से में दबाव बढ़ जाता है, जिससे वहां का तापमान बढ़ जाता है और उस क्षेत्र से गुजरने वाला कोई भी ईंधन जलने लगता है।
- दहन के उस स्थान पर चमकदार धब्बे बनते है, जिन्हें शॉक डायमंड कहा जाता है। निकास के बाहर और अंदर की ओर झुकने से शॉक वेव उत्पन्न होती हैं जो पाइप से होकर प्रवाहित होती हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में शॉक डायमंड पैटर्न बनता है।