प्रारम्भिक परीक्षा - उदारीकृत प्रेषण योजना मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 - सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
सन्दर्भ
- हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा उदारीकृत प्रेषण योजना (LRS) में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गयी।
महत्वपूर्ण तथ्य
- ये बदलाव 1 अक्टूबर, 2023 से लागू होंगे।
- विदेश में रहते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लेनदेन को LRS के अंतर्गत नहीं गिना जाएगा और ऐसा भुगतान स्रोत पर कर संग्रह (TCS) के अधीन नहीं होगा।
- LRS के तहत सभी उद्देश्यों के लिए और विदेशी यात्रा से संबंधित टूर पैकेज के लिए, भुगतान का तरीका चाहे कोई भी हो, 7 लाख रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष तक की राशि के लिए TCS की दर में कोई बदलाव नहीं होगा।
- 7 लाख रुपये की सीमा से अधिक राशि के लिए TCS की दर इस प्रकार होगी -
a) 0.5% (यदि शिक्षा के उद्देश्य से धन का वित्तपोषण शिक्षा ऋण द्वारा किया जाता है)
b) 5% (शिक्षा अथवा चिकित्सा उपचार के लिए भेजी गई रकम के मामले में)
c) अन्य प्रकार के खर्च के लिए 20%
- विदेशी टूर कार्यक्रम पैकेज की खरीद के लिए, पहले 7 लाख रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष के लिए, 5% की दर से TCS लागू होगा तथा 7 लाख रुपये से अधिक व्यय पर 20% की दर से TCS लागू होगा।
- आयकर अधिनियम, 1961 ("अधिनियम") की धारा 206सी की उप-धारा (1जी) (i) उदारीकृत प्रेषण योजना के माध्यम से विदेशी प्रेषण और (ii) विदेश यात्रा से संबंधित प्रोग्राम पैकेज की बिक्री के मामले में स्रोत पर कर संग्रह (TCS) का प्रावधान करती है।
उदारीकृत प्रेषण योजना
- उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत, नाबालिगों सहित सभी निवासी व्यक्तियों को किसी भी अनुमत चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक मुक्त रूप से विप्रेषित करने की अनुमति है।
- एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक बार 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक की राशि का प्रेषण किए जाने के बाद, एक निवासी व्यक्ति इस योजना के तहत कोई और प्रेषण करने के लिए पात्र नहीं होगा।
- इस सीमा से अधिक के किसी भी प्रेषण के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है।
- यह योजना 25,000 अमेरिकी डॉलर की सीमा के साथ 4 फरवरी, 2004 को शुरू की गई थी।
- प्रेषक के अवयस्क होने की स्थिति में, LRS घोषणा पत्र पर अवयस्क के प्राकृतिक अभिभावक द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए।
- यह योजना कॉर्पोरेट्स, पार्टनरशिप फर्मों, HUF, ट्रस्टों आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।