भारत सरकार कार्यात्मक प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) के कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना को कार्यान्वित कर रही है
इसके तहत सभी कार्यात्मक PACS को ERP(एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) आधारित कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर पर लाना, उन्हें राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ना शामिल है।
इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय स्तर का कॉमन सॉफ्टवेयर नाबार्ड द्वारा विकसित किया गया है
प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS)
PACS, ग्राम-स्तरीय सहकारी ऋण समितियाँ हैं
ये राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंकों (SCB) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में कार्य करती हैं।
SCBs से ऋण, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों(DCCBs) को हस्तांतरित किया जाता है, जो जिला स्तर पर काम करते हैं।
DCCBs, PACS के साथ काम करते हैं, जो सीधे किसानों से संबंधित है।
पंजीकृत सहकारी समितियों के रूप में, प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) अपने सदस्यों को ऋण और अन्य सेवाएँ प्रदान करती रही हैं।
PACS को राज्य सरकार द्वारा विनियमित किया जाता है।
पहली प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) का गठन वर्ष 1904 में किया गया था
कार्य
विभिन्न कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को लघु और मध्यम अवधि के ऋण प्रदान करना।
अपने सदस्यों की समय पर मदद करने के लिए केंद्रीय वित्तीय एजेंसियों से धन उधार लेना।
कृषि प्रयोजनों के लिए किराए पर मशीनरी की आपूर्ति करना।
सदस्यों में बचत आदतों को बढ़ावा देना।
सदस्यों को विपणन सुविधाएं प्रदान करना जिससे उचित मूल्य पर बाजार में उनके कृषि उत्पादों की बिक्री हो सके।
प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियां अन्य कृषि उद्देश्यों जैसे कृषि मशीनरी की खरीद और गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए भी ऋण जारी करती हैं।
गाँव के आर्थिक और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों से स्वयं को जोड़ना।
संरचना
एक गांव के दस या अधिक लोगों के समूह द्वारा प्राथमिक कृषि साख समिति का गठन किया जा सकता है।
एक गांव में कई PACS हो सकते हैं।
ये सहकारी निकाय हैं, व्यक्तिगत रूप से किसान PACS के सदस्य होते हैं, और उनमें से ही पदाधिकारियों का चुनाव किया जाता है।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव की नियुक्ति इसके सदस्यों में से ही की जाती है।
प्राथमिक कृषि साख समितियां अपने सभी सदस्यों को उनकी हिस्सेदारी और उनकी सामाजिक स्थिति पर विचार किए बिना समान अधिकार प्रदान करती हैं।
प्रश्न - पहली प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) का गठन कब किया गया था ?