(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3 : विषय - बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।)
संदर्भ-
- हाल ही में कोयला मंत्रालय ने भारत में कोयला खदान शुरू करने के लिये आवश्यक सभी औपचारिकताओं को पूरा करने तथा मंज़ूरी प्रदान करने के लिये एक एकीकृत मंच ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल’ (SINGLE WINDOW CLEARANCE PORTAL) की शुरूआत की है।
- भारत में पहली वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के सफल बोलीदाताओं के साथ समझौतों को निष्पादित करने के लिये नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
कोयला खदान नीलामी में निहित संभावनाएँ-
- भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में कोयला क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- लम्बे समय से कोयला क्षेत्र में आ रही बाधाओं को दूर करने और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता थी।
- इस नीलामी के तहत 19 सफल बोलीदाताओं को खदानें आवंटित की गई हैं, जिसमें वेदांता, अदानी, जिंदल, हिंडाल्को जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
- इस खदान नीलामी की सफलता, भारत के कोयला आयात को लगभग 20% तक कम कर आत्मानिभर भारत के लिये मार्ग प्रशस्त करेगी।
- इससे राज्यों को प्रति वर्ष लगभग 6,500 करोड़ रुपए का अनुमानित राजस्व प्राप्त होगा साथ ही ये 70,000 से अधिक लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होगा।
- ये खदानें पाँच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र में फैली हुई हैं, जिनसे समग्र रूप से प्रतिवर्ष 51 मिलियन टन अधिकतम अनुमानित कोयला उत्पादन होगा।
सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल के लाभ-
- सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल ‘न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन’ की अवधारणा पर आधारित है, जो भारतीय कोयला क्षेत्र में व्यापार सुगमता के लिये एक मील का पत्थर साबित होगा।
- वर्तमान में देश में कोयला खदान शुरू करने से पूर्व केंद्र या राज्य सरकारों की ओर से 19 प्रमुख अनुमोदनों या मंज़ूरियों को प्राप्त करने की आवश्यक होती है, जिसमें खनन योजना, खदान बंद करने की योजना, खनन पट्टे की मंज़ूरी, पर्यावरण और वन मंज़ूरी, वन्य जीवन की मंज़ूरी, पर्यावरण, सुरक्षा से संबंधित मंज़ूरी, परियोजना प्रभावित परिवारों का पुनर्वास, श्रमिकों का कल्याण आदि क्षेत्रों से अनुमोदन शामिल हैं।
- एकीकृत प्लेटफॉर्म की अनुपस्थिति में कंपनियों को विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों से अलग-अलग अनुमोदन प्राप्त करना पड़ता था, जिससे कोयला खदानों में कोयला उत्पादन करने की प्रक्रिया में देरी होती है।
- अब यह पोर्टल खनन आवेदनों की मंज़ूरी और क्लीयरेंस की जटिल प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने में मदद करेगा।
- इस पोर्टल पर आवेदन के सभी ज़रूरी प्रारूप उपलब्ध होंगे तथा ऑनलाइन माध्यम से आवेदनो को मंज़ूरी/क्लीयरेंस प्रदान करने की प्रक्रिया में भी तेज़ी आएगी।
- एस.बी.आई. कैपिटल मार्केटस् लिमिटेड ने नीलामी प्रक्रिया की कार्यपद्धति को विकसित करने और नीलामी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने में कोयला मंत्रालय की मदद की है।