चर्चा में क्यों
हाल ही में, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा ग्राम अभियंता बने 140 जनजातीय युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- संसदीय संकुल परियोजना के तहत इस प्रायोगिक परियोजना को भारत के 6 राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और ओडिशा से चुने गए 17 जिलों के 17 समूहों के लगभग 250 लाभार्थियों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से 13 मई, 2022 को शुरू किया गया था।
- यह कार्यक्रम बहु-कौशल और बेरोजगार युवाओं को ग्राम इंजीनियरों में बदलने की अवधारणा पर आधारित है।
- इसके तहत लाभार्थियों को 5 विषयों- विद्युत और सौर ऊर्जा, कृषि मशीनीकरण, ई-गवर्नेंस, नलसाज (Plumber) एवं राज मिस्त्री,दोपहिया वाहन मरम्मत एवं रख-रखाव में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम के तहत 700 जिलों में से प्रत्येक के लिये जिला कौशल योजना तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार ने प्रत्येक जिले के लिये एक महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलो नियुक्त किया है, जो स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कौशल को आकार देने में स्थानीय जिला कलेक्टर के साथ जिले के जनप्रतिनिधि के रूप में काम करेगा।
लाभ
- यह कार्यक्रम जनजातीय युवाओं को अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें स्थानीय स्तर पर सशक्त बनाएगा जिससे उनके पलायन पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
- यह स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करेगा, जो सरकार के नए आर्थिक दृष्टिकोण के अनुरूप आत्मनिर्भरता पर बल देता है।
- यह प्रशिक्षण युवाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने में भी सक्षम बनाएगा, जिससे अन्य युवाओं के लिये भी रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न होंगे।