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स्काईरूट ने विक्रम-1 अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के द्वितीय चरण का परीक्षण 

प्रारंभिक परीक्षा – विक्रम-1 अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों

28 मार्च 2024 को स्काईरूट ने विक्रम-1 अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के चरण-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

Skyroot-tests

प्रमुख बिंदु 

  •  स्काईरूट एयरोस्पेस ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सतीश धवन स्थित प्रणोदन परीक्षण स्थल से किया। 
  • 85 सेकंड तक चले परीक्षण में 186 किलोन्यूटन (kN) का थ्रस्ट दर्ज किया गया
  • विक्रम-1 प्रक्षेपण यान के चरण-2 को कलाम-250 कहा जाता है।
  • कलाम-250 एक उच्च शक्ति वाला कार्बन मिश्रित रॉकेट मोटर है, जो ठोस ईंधन और उच्च प्रदर्शन वाले एथिलीन-प्रोपलीन-डायन टेरपोलिमर (EPDM) थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (TPS) का उपयोग करता है।
  • यह हाई पावर कार्बन मिश्रित मोटर है जो रॉकेट को वायुमंडलीय चरण से बाहरी अंतरिक्ष में ले जाएगा।
  • विक्रम-1 प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक घटना है क्योंकि यह पहला निजी कक्षीय रॉकेट प्रक्षेपण था।
  • स्काईरूट ने इससे पहले विक्रम-1 के तीसरे चरण कलाम-100 का परीक्षण किया था, जिसका जून, 2021 में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
  • इससे पहले जुलाई, 2023 में भी इसरो ने अंतरिक्ष जगत के प्राइवेट सेक्टर स्टार्टअप स्काईरूट के रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण किया था।
  • इससे पहले नवंबर 2022 में, स्काईरूट ने निजी तौर पर विकसित रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।

अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण का महत्व:

  • निजी कंपनियों के पास निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता होती है, जो उन्हें नई परियोजनाएं शुरू करने में सक्षम बनाती है।
  •  निजी कंपनियों में त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया होती है जबकि सार्वजनिक उद्यम में उसी प्रक्रिया को कई चरणों से गुजरना पड़ता है।
  • इसने स्पेसएक्स, ब्लू ओरिजिन इत्यादि जैसी कंपनियों को अपनी लागत में काफी कटौती करने और आईएसएस(ISS) पर रॉकेट लॉन्च करने जैसे ऑपरेशन को कम लागत में कर सकता है। 
  • पुन: प्रयोज्य लैंडिंग रॉकेट लॉन्चर बनाना, असेंबली लाइनों में सुधार और ऐसे अन्य ऑपरेशन कम लागत सुनिश्चित करते हैं।
  •  अंतरिक्ष उद्योग में वृद्धि दुनिया भर में लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान करती है और निजी अंतरिक्ष कंपनियों की संख्या में वृद्धि उनके बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है और निरंतर सुधार और प्रगति को प्रोत्साहित करती है।
  •  लाइव स्ट्रीमिंग लॉन्च जैसे उनके संचालन के प्रचार ने आम जनता के बीच अंतरिक्ष अन्वेषण में व्यापक रुचि जगाई है।

स्टार्ट-अप स्काईरूट:

  • अंतरिक्ष वैज्ञानिक पवन कुमार चांदना और नागा भरत ढाका ने वर्ष 2018 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी।
  • यह स्टार्ट-अप हैदराबाद में स्थित है।
  • यह वाणिज्यिक उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिए अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान बनाता है ।
  • यह छोटे और मध्यम आकार के अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों का डिजाइन और निर्माण करती है।
  • इसका उद्देश्य सभी के लिए अंतरिक्ष उड़ानों को किफायती, विश्वसनीय और नियमित बनाने के मिशन को आगे बढ़ाकर उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं तथा अंतरिक्ष-उड़ान में बाधाओं को दूर करना है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. 28 मार्च, 2024 को स्काईरूट ने विक्रम-1 अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के चरण-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
  2. स्टार्ट-अप स्काईरूट: की शुरुआत पवन कुमार चांदना और नागा भरत ढाका ने 2018 में की थी।
  3. यह स्टार्ट-अप हैदराबाद में स्थित है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

 (a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: अंतरिक्ष प्रक्षेपण में निजीकरण के महत्व का उल्लेख कीजिए।

 स्रोत: THE HINDU

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