प्रारम्भिक परीक्षा – स्काईवॉकर हूलॉक गिब्बन मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (पर्यावरण ,जैव-विविधता) |
चर्चा में क्यों
एक नए अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने म्यांमार में एक ही स्थान पर स्काईवॉकर गिब्बन की सबसे अधिक संख्या होने का दावा किया गया है।
स्काईवॉकर हूलॉक गिब्बन
- यह गिब्बन की प्राइमेट प्रजाति है।
- इसका वैज्ञानिक नाम, हूलॉक तियानक्सिंग है।
- इसके वैज्ञानिक नाम का चीनी अर्थ "स्वर्ग की गति" है।
- इसे गाओलिगोंग हूलॉक गिब्बन या 'स्टार वार्स गिब्बन' भी कहा जाता है।
- इसे पहली बार वर्ष 2017 में चीन में खोजा गया था।
- यह म्यांमार और चीन का स्थानिक (चीन में लगभग 200) प्रजाति है।
- चीन में, ये प्राइमेट पश्चिमी युन्नान प्रांत में नुजियांग नदी घाटी (स्थानीय लोगों में एंग्री रिवर वैली के रूप में जाना जाता है) में पाए जाते हैं।
- यह घाटी हिमालय की दक्षिण-पूर्वी सीमा पर गाओलीगोंग पहाड़ों के भीतर गाओलीगोंगशान नेचर रिजर्व के अंतर्गत आती है।
- गाओलिगोंगशान नेचर रिजर्व पश्चिम में उत्तर-पूर्वी म्यांमार (जिसे पहले बर्मा के नाम से जाना जाता था) तक फैला हुआ है ।
- म्यांमार स्काईवॉकर हूलॉक गिब्बन इरावदी-नमाई हका नदी और साल्विन/ थानलविन नदी घटी के मध्य पाया जाता है।
विशेषता :-
- ये वृक्षवासी होते हैं, जो अपना अधिकतम समय वृक्षों पर बिताते हैं।
- इस प्रजाति के वयस्क जोड़े में रहते हैं और अपने गायन का समन्वय करके युगल गीत गाते हैं।
- ये अपने गाने का उपयोग अन्य गिबन्स के साथ जुड़ने और अपने क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए करते हैं।
- गिब्बन की 20 प्रजातियों में से, स्काईवॉकर हूलॉक गिबन्स सियामंग्स / सियामांग के बाद दूसरे सबसे बड़े प्रजाति हैं, जो जीनस हाइलोबेट्स से संबंधित हैं।
सियामांग गिब्बन (सिम्फालैंगस सिंडैक्टाइलस) :-
- यह एक वृक्षीय, काले बालों वाला गिब्बन है जो दक्षिण पूर्व एशिया के जंगलों का मूल निवासी है।
- यह अन्य गिबन्स के आकार से दोगुना होता है।
- यह सिम्फालैंगस जीनस की एकमात्र प्रजाति है।
- हूलॉक गिब्बन भारत, बांग्लादेश, चीन और म्यांमार में पाए जाते हैं।
- ये 60 से 90 सेमी के आकार तक पहुंचते हैं और वजन 6 से 9 किलोग्राम तक होता है।
निवास स्थान :-
- यह पहाड़ों पर लगभग 8,858 फीट (2,700 मीटर) तक की ऊंचाई पर रहते हैं।
- यह उष्णकटिबंधीय वन, सदाबहार वन, झाड़ीदार वन, अर्धपर्णपाती वन और पर्वतीय जंगलों में निवास करते हैं।
भोजन :-
- ये शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों प्रकार के होते हैं लेकिन ज्यादातर यह कंद-मूल एवं पारंपरिक औषधियों खाते हैं।
खतरा:-
- यह प्रजाति निवास स्थान के नुकसान,क्षरण, विखंडन, शिकार और सामान्य मानव जनसंख्या की अधिकता के कारण विलुप्त होने के कगार पर है।
भारत में हूलॉक गिबन की स्थिति :-
- भारत में हूलॉक गिबन की दो प्रजातियां पायी जाती हैं।
1.पूर्वी हूलॉक गिबन (Eastern Hoolock Gibbon)
2.पश्चिमी हूलॉक गिबन (Western Hoolock Gibbon)।
- यह भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश , असम , मणिपुर , मेघालय , मिजोरम , नागालैंड और त्रिपुरा में पाए जाते हैं।
संरक्षण की स्थिति:-
IUCN की रेड लिस्ट में :
- स्काईवॉकर हूलॉक गिबन: संकटग्रस्त (Endangered)
- पश्चिमी हूलॉक गिब्बन: संकटग्रस्त (Endangered)
- पूर्वी हूलॉक गिबन: संवेदनशील (Vulnerable)
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:-निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह वृक्षवासी होते हैं, जो अपना अधिकतम समय वृक्षों पर बिताते हैं।
- इस प्रजाति के वयस्क जोड़े में रहते हैं और अपने गायन का समन्वय करके युगल गीत गाते हैं।
- ये अपने गाने का उपयोग अन्य गिबन्स के साथ जुड़ने और अपने क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए करते हैं।
उपर्युक्त कथन का संबंध किस प्रजाति से है?
(a) ड्रैगनफ्लाई
(b) बोनट मकाक
(c) सिंह –पुच्छी मकाक
(d) स्काईवॉकर हूलॉक गिबन
उत्तर - (d)
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स्रोत: The Hindu