यूरोप एवं अमेरिका में ‘स्लॉथ फीवर’ (Sloth Fever) नामक रहस्यमयी एवं जानलेवा बीमारी फैल रही है। वर्तमान में इस बीमारी का कोई उपचार उपलब्ध न होने के कारण यह एक बड़ा खतरा बन गया है।
क्या है स्लॉथ फीवर
- स्लॉथ फीवर को औपचारिक रूप से ओरोपोच फीवर (Oropouche Fever) के रूप में जाना जाता है। यह ओरोपोच वायरस के कारण होता है।
- गंभीर मामलों में यह संक्रमण मैनिन्जाइटिस (Meningitis) या एन्सेफेलाइटिस (Encephalitis) जैसी जटिलताओं में बदल सकता है जो तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति पहुँचा सकता है।
- समान्यत: संक्रमण एवं लक्षणों की शुरुआत के बीच का समय 3 से 8 दिनों तक होता है। इसके लक्षण आमतौर पर डेंगू जैसे अन्य वायरल संक्रमणों से मिलते जुलते हैं।
- इसके प्राथमिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न, मतली व उल्टी, ठंड लगना तथा प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता शामिल है।
स्लॉथ फीवर का संचरण
- स्लॉथ फीवर मुख्यत: मच्छरों एवं मिज (Midge) के काटने से फैलता है जो संक्रमित जानवरों, जैसे- स्लॉथ, बंदर या पक्षियों को काटते हैं।
- संक्रमण का यह तरीका इसे डेंगू एवं जीका जैसे अन्य अर्बोवायरस के समान बनाता है।
- अन्य कारणों में संक्रमित व्यक्ति से संपर्क, जलवायु परिवर्तन के कारण बीमारी फैलाने वाले कीड़ों के आवास का विस्तार और अपेक्षाकृत नए वायरस के लिए व्यापक प्रतिरक्षा की कमी शामिल है।
- इसके संक्रमण के जोखिम को कम करने के उपायों में कीड़ों के काटने से बचाव करना, वेक्टर के संपर्क को कम-से-कम करना, यात्रा संबंधी सावधानियां एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता शामिल है।
इसे भी जानिए!
स्लॉथ फीवर के संक्रमण से बचने के लिए डी.ई.ई.टी. युक्त कीट विकर्षक का उपयोग कर सकते हैं। DEET एक प्रकार का रसायन (N,N-diethyl-meta-toluamide) है।
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