(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1: शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय)
संदर्भ
हाल ही में, केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यान्वयन की समयसीमा में संशोधन किया है।
प्रस्तावित संशोधन
- प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, केंद्र सरकार ने सभी 100 शहरों के लिये स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यान्वयन की समय-सीमा को जून 2023 तक बढ़ा दिया है। इसका प्रमुख कारण महामारी के कारण होने वाली देरी और नीति आयोग की एक सिफारिश को माना जा रहा है।
- नागरिक-अनुकूल और आत्मनिर्भर शहरी बस्तियों के विकास के उद्देश्य से इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की भौतिक प्रगति को पहले केवल 2021 तक मापा जाना था और इस समय तक 100 में से प्रथम 20 परियोजनाओं (20 स्मार्ट सिटी) का कार्य पूरा किया जाना था।
- चयनित शहर में इस मिशन के अंतर्गत सम्बंधित योजनाओं को पूरा करने के लिये कम से कम पांच वर्ष का समय दिया जाता है। चूँकि पहले 20 शहरों का चयन जनवरी 2016 में किया गया था, अत: उनकी समयावधि 2021 में समाप्त हो रही थी।
स्मार्ट सिटी मिशन
- केंद्र सरकार ने 25 जून, 2015 को देश के 100 शहरों को ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित करने के लिये इस मिशन की घोषणा की थी। इन शहरों का चयन जनवरी 2016 से जून 2018 के बीच चार चरणों में किया गया था।
- इस मिशन का मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचा, स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ 'स्मार्ट समाधान' के माध्यम से नागरिकों को जीवन की अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने के लिये चयनित शहरों को बढ़ावा देना है।
- इस मिशन का लक्ष्य शहर के सामाजिक, आर्थिक, भौतिक और संस्थागत स्तंभों पर व्यापक कार्य के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
- इस मिशन के तहत, सरकार का लक्ष्य 'डिजिटल इंडिया' से जुड़ी नवीन डिजिटल तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना है, जो अपराध को कम करने और सुरक्षा में सुधार के लिये निगरानी प्रणाली जैसे प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करती है।
- साथ ही, इसके अंतर्गत ई-गवर्नेंस, मोबिलिटी, एकीकृत यातायात प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी परियोजनाओं की भी परिकल्पना की गई है।