(प्रारंभिक परीक्षा : योजना एवं कार्यक्रम) |
चर्चा में क्यों
भारतीय प्रबंधन संस्थान,बेंगलुरु (IIM Bengluru) के एक अध्ययन के अनुसार, स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) के तहत प्रारंभ किए गए ‘स्मार्ट क्लासरूम पहल’ की शुरुआत से वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 के बीच कुल नामांकन में 22% की वृद्धि हुई है।
हालिया अध्ययन
- स्मार्ट क्लासरूम पहल के तहत सार्वजनिक शिक्षा में विद्यमान अंतराल को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है।
- IIM Bengluru के अध्ययन के अनुसार 71 शहरों ने 2,398 सरकारी स्कूलों में 9,433 स्मार्ट क्लासरूम विकसित किए हैं।
- स्मार्ट क्लासरूम परियोजनाओं की सबसे अधिक संख्या कर्नाटक (80) में है, उसके बाद राजस्थान (53) का स्थान है।
- तमिलनाडु में 23 और दिल्ली में 12 ऐसी परियोजनाएँ संचालित हैं।
- 2 परियोजनाओं के साथ पश्चिम बंगाल तालिका में सबसे नीचे स्थान पर है।
- रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक इस विचार से सहमत हैं कि स्मार्ट क्लासरूम पहल देश के चुनिंदा स्मार्ट शहरों में छात्रों के सीखने के अनुभव और उपस्थिति में सुधार कर रही है।
- शिक्षकों को दिए गए विशेष प्रशिक्षण ने स्मार्ट क्लासरूम सुविधाओं का उपयोग करने के लिए उनके आराम और वरीयता में सुधार किया।
- 41 शहरों ने कुल 7,809 सीटों की क्षमता वाली डिजिटल लाइब्रेरी विकसित की है जो आवश्यक शैक्षिक संसाधन प्रदान करने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में छात्रों का समर्थन करते हैं।
स्मार्ट सिटी मिशन के बारे में
- स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) जून 2015 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देना है जो एक स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण वाले बुनियादी ढाँचे के साथ अपने नागरिकों को एक अच्छा जीवन स्तर प्रदान करते हैं।
- मंत्रालय के अनुसार, नवंबर 2024 तक SCM के तहत 91% परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।
- मिशन ने वर्ष 2022 में 'SAAR' (स्मार्ट सिटीज एंड एकेडमिया टूवर्ड्स एक्शन एंड रिसर्च) नामक एक मंच लॉन्च किया, ताकि नई शहरी पहलों का दस्तावेजीकरण और शोध करने के लिए शिक्षाविदों तथा सरकार को एक साथ लाया जा सके।