केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत में हिम तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के बारे में
- 'भारत में हिम तेंदुए की आबादी का आकलन (SPAI)' कार्यक्रम पहला वैज्ञानिक प्रयास है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय समन्वयक है।
- इस कार्यक्रम को हिम तेंदुआ रेंज वाले सभी राज्यों और दो संरक्षण भागीदारों नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन (मैसूर) और WWF-इंडिया के सहयोग से किया गया।
- यह कार्यक्रम वर्ष 2019-2023 तक दो चरणों में चलाया गया था।
- भारत में हिम तेंदुए की संख्या 718 हैं। संख्या के आधार पर भारत में हिम तेंदुए की उपस्थिति का क्रम: लद्दाख > उत्तराखंड > हिमाचल प्रदेश > अरुणाचल प्रदेश> सिक्किम > जम्मू एवं कश्मीर।
- इस स्थिति रिपोर्ट में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत WII में एक समर्पित हिम तेंदुआ प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव है।
हिम तेंदुए के बारे में
- उपस्थिति - मध्य एवं दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्रों में।
- भारत में उपस्थिति - प्रायः जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में।
- हिम तेंदुए के लिए प्रसिद्ध उद्यान - हेमिस राष्ट्रीय उद्यान (लद्दाख)।
संरक्षण स्थिति :
- IUCN: सुभेद्रा या संवेदनशील (Vulnerable)
- CITES: परिशिष्ट 1
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 अनुसूची 1
हिम तेंदुओं के समक्ष चुनौतियाँ
- जलवायु परिवर्तन
- बुनियादी ढाँचे का विकास
- हिम तेंदुए के क्षेत्रों में पर्यटन में उछाल
- कचरे का कुप्रबंधन
- हिम तेंदुओं से प्रतिस्पर्धा करने वाले कुत्तों की आबादी में वृद्धि
- हिम तेंदुओं का आवास दुर्गम क्षेत्र में होने और कैमरे में कैद इनकी तस्वीरों का विश्लेषण करने एवं अंतर करने में भी समस्या आती है।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) के बारे में
- यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- यह देश में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए नीतियाँ और उपाय तैयार करने पर केंद्र सरकार को सलाह देता है।
- बोर्ड का प्राथमिक कार्य वन्यजीवों एवं वनों के संरक्षण व विकास को बढ़ावा देना है।
- इसके पास वन्यजीवों से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा करने और राष्ट्रीय उद्यानों व अभयारण्यों में तथा उसके आसपास परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार है।
- राष्ट्रीय उद्यानों एवं वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओं में कोई भी बदलाव NBWL की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकता है।
- इसमें प्रधानमंत्री (अध्यक्ष) सहित 47 सदस्य हैं।
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वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण (GSLEP) कार्यक्रम
- वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारितंत्र संरक्षण कार्यक्रम सभी हिम तेंदुआ रेंज के देशों, गैर-सरकारी संगठनों, बहुपक्षीय संस्थानों, वैज्ञानिकों व स्थानीय समुदायों का गठबंधन है।
- इसका उद्देश्य हिम तेंदुआ और उसके पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण है।
- ये 12 देश हैं भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान व उज्बेकिस्तान।
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