प्रारंभिक परीक्षा- पीएमयूवाई, स्वच्छ भारत योजना, जल जीवन मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, पीएमएमवीवाई, तीन तलाक अधिनयम मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार द्वारा संसद में महिलओं को 33% आरक्षण प्रदान करने के लिए विधेयक लाये जाने का प्रस्ताव है।
मुख्य बिंदु-
- 1962 में लोकसभा चुनाव में 62% पुरुषों और सिर्फ 46.6% महिलाओं ने मतदान किया था। 2019 के लोकसभा चुनावों में यह प्रतिशत बढ़कर 67.2% हो गया, जो पुरुषों की हिस्सेदारी (67%) को पार कर गया।
- राज्य चुनावों और 2024 में आम चुनावों से पहले महिला आरक्षण विधेयक लाने का सरकार का निर्णय महिलाओं के लिए सामाजिक कल्याणवाद को लक्षित करने और इसे सशक्तिकरण और प्रतिनिधित्व के संदर्भ में तैयार करने के उपायों की श्रृंखला को अग्रसारित करता है।
महिलओं के लिए प्रारंभ की गई योजनाएं-
1. प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)-
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- इस योजना की शुरुआत 2016 में उन वंचित परिवारों को रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए की गई, जो पहले ईंधन के रूप में जलाऊ लकड़ी और कोयले का उपयोग करते थे। वर्तमान में इस योजना का लाभ नौ करोड़ लोगों को मिल रहा है।
- 13 सितंबर,2023 को इसका विस्तार 2025-26 तक कर दिया गया, जिसके तहत 3 वर्षों में 75 लाख गैस कनेक्शन दिए जाएंगे।
2. स्वच्छ भारत योजना-
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- 2014 में प्रारंभ इस योजना के तहत अनुमानित 11 करोड़ शौचालय स्थापित किए गए हैं, उन महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए जिन्हें खुले में शौच करना पड़ता था।
3. जल जीवन मिशन-
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- 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा इस योजना को शुरू किया गया ।
- इसका लक्ष्य सभी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को 2024 तक पानी की व्यवस्था को पाइप के माध्यम से पहुंचाना है।
- इस योजना को गांवों में महिलाओं की मेहनत को कम करने के रूप में देखा गया था, जिनके लिए पीने का पानी लाना एक चुनौती रहा है। इस योजना के तहत अब तक 13 करोड़ नल जल कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं।
4. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना-
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- बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने [3] के लिए इस योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में प्रारंभ किया गया है।
- इसके अंतर्गत महिला हेल्पलाइन के साथ-साथ मानव तस्करी को रोकने का प्रयास भी शामिल है।
5. प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)-
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- इस योजना को जनवरी, 2017 में शुरू किया गया ।
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- इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 5000 रुपये का नकद लाभ प्रदान किया जाता है।
6. तीन तलाक अधिनयम-
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- यह अधिनियम 19 सितंबर 2018 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी है।
- इस अधिनियम के अंतर्गत तीन तलाक के मामले को दंडनीय अपराध माना गया है।
- तत्काल तीन तलाक देने वाले पति को अधिकतम 3 साल तक की सज़ा और जुर्माना का प्रावधान है।
- मजिस्ट्रेट को पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद सुलह कराने और जमानत देने का अधिकार दिया गया है।
- इस अधिनियम पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “एक पुरातन और मध्ययुगीन प्रथा अंततः इतिहास के कूड़ेदान तक सीमित हो गई है! संसद ने तीन तलाक को खत्म किया और मुस्लिम महिलाओं के साथ हुई ऐतिहासिक गलती को सुधारा। यह लैंगिक न्याय की जीत है और इससे समाज में समानता आएगी। भारत आज खुश है!”
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- तीन तलाक अधिनयम,2019 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह अधिनियम 19 सितंबर 2018 से प्रभावी है।
- इसके अंतर्गत तत्काल तीन तलाक देने वाले पति को अधिकतम 3 साल तक की सज़ा और जुर्माना का प्रावधान है।
- मजिस्ट्रेट को पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद सुलह कराने और जमानत देने का अधिकार दिया गया है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल के वर्षों में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करें।
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