राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने सोनाई रूपई वन्यजीव अभयारण्य एवं आरक्षित वन क्षेत्र में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 का उल्लंघन करते हुए मतदान केंद्र, स्कूल एवं अन्य निर्माण गतिविधियों की अनुमति देने पर असम सरकार से ऐसे अधिकारियों का विवरण माँगा है।
सोनाई रूपई वन्यजीव अभयारण्य के बारे में
- अवस्थिति : असम के सोनितपुर जिले के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र
- प्राकृतिक क्षेत्र : बृहत् हिमालय पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित
- अन्य नाम : असम का गहना
- वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया जाने वाला वर्ष : 1998
- जलवायु : ऊष्ण एवं आर्द्र ग्रीष्मकाल के साथ उपोष्णकटिबंधीय प्रकार की जलवायु और ग्रीष्मकाल में अत्यधिक वर्षा के कारण प्राय: बाढ़ की स्थति
- अपवाह तंत्र : अभयारण्य से होकर प्रवाहित होने वाली चार बारहमासी नदियाँ : डोलसिरी, गभरू, गेलगेली एवं बेल्सिरी।
- वर्षाकाल के दौरान कई आर्द्रभूमियाँ तैयार हो जाती हैं जिन्हें ‘भील’ के नाम से जाना जाता है।
- वनस्पति प्रकार : उष्णकटिबंधीय सदाबहार, अर्ध-सदाबहार एवं आर्द्र पर्णपाती वन
- नदियों के किनारे एक संकीर्ण पट्टी में बांस युक्त घास के मैदान हैं।

- जीव-जंतु : तेंदुए, जंगली कुत्ते और कभी-कभी रॉयल बंगाल टाइगर
- एशियाई हाथी एवं भारतीय गौर जैसे बड़े शाकाहारी जानवरों के साथ-साथ यहां सांभर हिरण, बार्किंग डियर, हॉग हिरण, हिमालयन क्रेस्टलेस साही, भारतीय सिवेट, काले भालू एवं स्लॉथ भालू भी पाए जाते हैं।
- पक्षियों में व्हाइट विंग्ड वुड बत्तख जैसी लुप्तप्राय प्रजातियाँ शामिल हैं।