New
IAS Foundation Course (Pre. + Mains) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM | Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM | Call: 9555124124

अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में ‘स्पेसशिप टू’ की परीक्षण उड़ान के निहितार्थ

(प्रारम्भिक परीक्षा- राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : अंतरिक्ष)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, वर्जिन गेलेक्टिक कम्पनी ने ‘स्पेसशिप टू’ (SpaceShipTwo) अंतरिक्ष यान की एक परीक्षण उड़ान को लॉन्च करने का निर्णय लिया है।

पृष्ठभूमि

  • यह अंतरिक्ष यान पहली बार अमेरिका के न्यू मैक्सिको के स्पेसपोर्ट से उड़ान भरेगा। इस अंतरिक्ष यान के 80 किमी. की ऊँचाई तक जाने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पंखयुक्त इस अंतरिक्ष यान को पुन: प्रयोग किया जा सकता है।
  • ‘स्पेसशिप टू’ दो पायलटों सहित कुल आठ लोगों को ले जाने में सक्षम है और इसमें किसी भी अन्य अंतरिक्ष यान की तुलना में अधिक खिड़कियाँ हैं। वर्ष 2016 में इसके अनावरण के समय स्टीफन हॉकिंग ने इसे वी.एस.एस. यूनिटी नाम दिया था।

वर्जिन गेलेक्टिक

  • वर्जिन गेलेक्टिक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली एक कम्पनी है। यह दुनिया की पहली वाणिज्यिक स्पेसलाइन और एकीकृत एयरोस्पेस कम्पनी है।
  • इसकी स्थापना ब्रिटिश उद्यमी रिचर्ड ब्रैनसन ने की है। यह उन कम्पनियों में शामिल है जो ग्राहकों को भुगतान के बदले अंतरिक्ष उड़ान की पेशकश करने के प्रस्ताव पर कार्य कर रही हैं।

उड़ान का महत्त्व

  • यह रॉकेट द्वारा संचालित अंतरिक्ष यान की पहली चालक दल उड़ान होगी, जिसका लक्ष्य अंततः पर्यटकों को अंतरिक्ष में ले जाना है। कम्पनी के अनुसार इसकी पहली वाणिज्यिक उड़ान वर्ष 2021 में प्रारम्भ हो सकती है।
  • इस अंतरिक्ष यान के उड़ान भरने के बाद अंतरिक्ष पर्यटकों के केबिन और उड़ान नियंत्रण व संचालन के तत्त्वों का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही, यह अंतरिक्ष यान नासा के साथ हुए समझौते के अनुसार पेलोड भी ले जाएगा।
  • इस वर्ष वर्जिन गेलेक्टिक ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिये कक्षीय मानव अंतरिक्ष यान में वाणिज्यिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ पर आधारित अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करने के लिये नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के साथ एक अंतरिक्ष अधिनियम समझौते पर हस्ताक्षर किया था।

अंतरिक्ष पर्यटन

  • अंतरिक्ष पर्यटन, अंतरिक्ष यात्रा का एक हिस्सा है, जो साधारण लोगों को मनोरंजन, अवकाश या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये अंतरिक्ष में जाने का अवसर प्रदान करता है।
  • यह विचार उन व्यक्तियों के लिये अंतरिक्ष को अधिक सुलभ बनाने से सम्बंधित है, जो अंतरिक्ष यात्री नहीं हैं परंतु गैर-वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिये अंतरिक्ष में जाना चाहते हैं।

अंतरिक्ष पर्यटन का इतिहास

  • कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1997 में स्पेस एडवेंचर्स नामक निजी कम्पनी की स्थापना ‘अंतरिक्ष सम्बंधी रोमांच’ की पेशकश करने के लिये की गई थी।
  • रिपोर्ट के अनुसार, स्पेस एडवेंचर्स ग्राहकों को कक्षीय अंतरिक्ष (ऑर्बिटल स्पेस) में भेजने वाली एकमात्र निजी कम्पनी है।
  • वर्ष 2004 में परीक्षण उड़ान पायलट माइक मेलविले कर्मन लाइन से आगे उड़ान भरने वाले पहले निजी अंतरिक्ष यात्री बने थे। विदित है कि कर्मन लाइन को अंतरिक्ष के कगार के रूप में परिभाषित किया जाता है। विदित है कि कर्मन लाइन (Karman-Line) लगभग 100 किमी. की ऊँचाई पर स्थित होती है, जो पृथ्वी के वायुमंडल से बाह्य अंतरिक्ष को अलग करती है।
  • स्पेस एडवेंचर्स के ग्राहक डेनिस टीटो वर्ष 2001 में पहले अंतरिक्ष पर्यटक बने। हालाँकि, नासा द्वारा प्रशिक्षण की कमी का हवाला देते हुए उनकी उड़ान पर आपत्ति भी जताई गई थी।

इस क्षेत्र की अन्य कम्पनियाँ

  • अभी तक वर्जिन अटलांटिक, स्पेसएक्स, XCOR एयरोस्पेस, जेफ बेजोंस की ब्लू ओरिजिन सहित आर्मडिलो एयरोस्पेस कम्पनियाँ लोगों को अंतरिक्ष पर्यटन सेवाएँ प्रदान करने पर कार्य कर रही हैं।
  • वर्जिन गैलेक्टिक के अनुसार, 600 से अधिक लोगों ने पहले ही इसकी सेवाओं का लाभ उठाने के लिये भुगतान किया है। यदि इसके द्वारा अगले वर्ष वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो जाता है तो इस प्रकार यह कम्पनी पर्यटकों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली विश्व की पहली कम्पनी बन सकती है।

अंतरिक्ष पर्यटन की चुनौतियाँ

  • परम्परागत रूप से अंतरिक्ष में रहने के लिये 100 किमी. (कर्मन रेखा) की ऊँचाई से अधिक होना आवश्यक है। इस ऊँचाई पर वातावरण बहुत दुर्लभ होता है और प्रतिरोधकता नगण्य होती है।
  • 100 किमी. से अधिक ऊँचाई तक पहुँचने के लिये स्पेस प्लेन को पर्याप्त ऑक्सीजन के आभाव में जेट इंजन की जगह रॉकेट इंजन का उपयोग करना आवश्यक है। इस प्रकार का प्रयोग वाणिज्यिक गतिविधि के संदर्भ में जटिल और खतरनाक है।
  • उड़ान की एक अन्य महत्त्वपूर्ण चुनौती यान की वायुमंडल में वापसी है। अंतरिक्ष यान के वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान उसे ताप एवं घनत्व की विभिन्न वायुमंडलीय परतों से गुजरना होता है। इससे यान में आग लगने व विस्फोट का खतरा बना रहता है।
  • एक अध्ययन के अनुसार बढ़ता वाणिज्यिक स्पेसफाइट उद्योग ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि कर सकता है। इससे समताप मंडल में अधिक मात्रा में ब्लैक कार्बन जमा हो सकती है।
  • साथ ही, इससे ओज़ोन परत के प्रभावित होने और ध्रुवीय क्षेत्रों के तापमान में भी वृद्धि होने की सम्भावना है।
  • आपातकालीन परिस्थितियों के लिये पर्यटकों के प्रशिक्षण का आभाव भी चिंता का एक विषय है।  
  • लॉन्चिंग कम्पनी और स्पसपोर्ट आदि के अलग-अलग होने की स्थिति में किसी भी नुकसान के लिये कौन ज़िम्मेदार होगा, यह भी एक मुद्दा है।

अंतरिक्ष पर्यटन से लाभ

  • अंतरिक्ष होटल के विकास में गति आएगी।
  • अंतरिक्ष बंदरगाहों और स्पसपोर्ट की नई शृंखलाओं का विकास होगा।
  • आर्थिक रूप से देखा जाए तो अंतरिक्ष पर्यटन 20 वर्ष के भीतर अरब डॉलर का बाज़ार बन सकता है।
  • स्पेस टूरिज्म सोसाइटी, स्पेस फ्यूचर और हॉबी स्पेस समेत अंतरिक्ष पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR