(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में, खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने शीर्ष एथलीटों को कोच बनने में मदद के लिए नया विशेष क्षमता निर्माण कोर्स शुरू किया।
विशेष क्षमता निर्माण कोर्स के बारे में
- क्या है : यह पाठ्यक्रम उन एथलीटों के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है जो वर्तमान में विभिन्न केंद्र सरकार या स्वायत्त विभागों, केंद्र सरकार के अधीन संगठनों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यरत हैं।
- कोर्स में आधुनिक कोचिंग, खेल विज्ञान, योगासन और नेतृत्व को शामिल किया जाएगा।
- उद्देश्य : शीर्ष एथलीटों को कोच, रेफरी और तकनीकी अधिकारी बनने में मदद करना।
- आयोजित : भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय खेल संस्थान पटियाला द्वारा।
- पात्रता
- इस कोर्स के लिए पात्रता मानदंड ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेलों में भागीदारी या पदक विजेता हैं।
- यूथ ओलंपिक, जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप और नेशनल गेम्स के पदक विजेता इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।
- आवश्यक शैक्षणिक योग्यता भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम स्नातक या समकक्ष डिग्री है।
- प्रमाणन: पाठ्यक्रम में चार प्रमाणन स्तर होते हैं- फाउंडेशन, प्री-इंटरमीडिएट, इंटरमीडिएट और एडवांस सर्टिफिकेट।
- कारण : प्रसिद्ध बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद द्वारा खेल कोटे की नौकरी करने वाले पूर्व एथलीटों के लिए कार्यस्थल पर सम्मान की कमी को उजागर करते हुए, उनमें कौशल बढ़ाने में मदद की मांग की थी।
- जिसके बाद खेल मंत्रालय द्वारा इस मुद्दे पर त्वरित नया कोर्स शुरू किया गया।
- महत्त्व
- यह उम्मीदवारों को खेल पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एकीकृत करने और उनके पेशेवर कौशल को बढ़ाने के लिए तैयार करेगा।
- इस पाठ्यक्रम से निकले चुनिंदा कोचों को विदेश में विशेष ट्रेनिंग के लिये भी भेजा जाएगा।
- भारत वर्ष 2036 ओलंपिक की मेजबानी का आशय पत्र अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को सौंप चुका है और वर्ष 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का भी इच्छुक है।