(प्रारंभिक परीक्षा- आर्थिक और सामाजिक विकास)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)
संदर्भ
कच्चे तेल और सोने जैसी वस्तुओं के आयात एवं निर्यात को विनियमित करने के उपायों के क्रम में सरकार ने हाल ही में पेट्रोल व डीजल के निर्यात पर क्रमश: 6 रुपये प्रति लीटर तथा 13 रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क या उपकर लगाने की घोषणा की है।
हालिया निर्णय
- विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के माध्यम से कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का उपकर लगाया गया है। एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) या जेट फ्यूल के निर्यात पर भी 6 रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया गया है। हालाँकि, कच्चे तेल के आयात पर यह उपकर नहीं लगाया गया है।
- इसके अतिरिक्त, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने निर्यात नीति के तहत यह अनिवार्य कर दिया है कि निर्यातकों को निर्यात के समय यह घोषित करना होगा कि शिपिंग बिल में उल्लिखित मात्रा का 50% चालू वित्त वर्ष के दौरान घरेलू बाजार में आपूर्ति की गई है।
कारण
- वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने और रुपये के मूल्य में गिरावट आने से तेल विपणन कंपनियों को खुदरा बिक्री पर घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इन कंपनियों के लिये विश्व स्तर पर प्रचलित कीमतों पर निर्यात अत्यधिक लाभकारी होता जा रहा है, जिससे इन कंपनियों ने घरेलू बाजार में आपूर्ति कम कर दी है।
- घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों को कच्चे तेल के आयात और फिर इसे अंतर्राष्ट्रीय समता कीमतों पर बेचने से नियंत्रित करने के लिये यह अप्रत्याशित कर लगाया गया है।
- घरेलू रिफाइनरियाँ रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की किल्लत का सामना कर रहे यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में निर्यात करके अत्यधिक लाभ अर्जित कर रहीं हैं।
- घरेलू कच्चे तेल उत्पादक अंतर्राष्ट्रीय समता कीमतों पर कच्चे तेल की बिक्री करते हैं। परिणामस्वरूप इन उत्पादकों को अप्रत्याशित लाभ हो रहा है और घरेलू स्तर पर आपूर्ति का सामना करना पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए यह उपकर लगाया गया है।
- इससे सरकार को भी अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त होगा और राजस्व अंतर को कम किया जा सकता है।
प्रभाव
- इन उपायों से पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- यह उपकर पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिये लगाया गया है।
निष्कर्ष
इन उपायों से डीजल और पेट्रोल की घरेलू खुदरा कीमतों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस प्रकार, घरेलू खुदरा कीमतें अपरिवर्तित रहेंगी। साथ ही इन उपायों से पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित होगी।