चर्चा में क्यों
उत्तर प्रदेश विधानसभा ने महिला विधायकों द्वारा महिला केंद्रित समस्याओं को रेखांकित करने के लिये एक विशेष दिवस का निर्धारण किया है। यह अपनी तरह की अभिनव पहल है।
प्रमुख बिंदु
- इस विशेष प्रयोजन के लिये 22 सितंबर का दिन निर्धारित किया गया है। इस दिन प्रश्न काल के बाद का पूरा समय महिला विधायकों के लिये अरक्षित किया गया है।
- विदित है कि 19 सितंबर से उत्तर प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र आरंभ हुआ।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधानसभा के कुल सदस्यों (403) में महिला विधायकों की संख्या केवल 47 है। इनमें से 22 महिलाएँ पहली बार सदन के लिये चुनी गई हैं।
- इस पहल को उत्तर प्रदेश विधानसभा की व्यवस्था में शामिल किया जाएगा और प्रत्येक सत्र में एक दिन महिला सदस्यों के बोलने के लिये आरक्षित किया जाएगा।
उद्देश्य
- महिलाओं को संबोधन के लिये एक अनुरूप वातावरण उपलब्ध करना
- सदन में महिला तथा पुरुष सदस्यों के मध्य तालमेल विकसित करना
- सदन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना
- महिला सशक्तिकरण
- महिलाओ से संबंधित समस्याओं को रेखाकित करते हुए उनके समाधान के वांछनीय उपायों को प्रोत्साहित करना
- सदन के बेहतर कामकाज में सहयोग करना।
अन्य प्रयास
- इससे पूर्व उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने एक सामान पेशेवर डिग्री धारक विधायकों के समूहों से बातचीत की थी। इसका प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति की विशेषज्ञता को प्राथमिकता प्रदान करना है।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत करने के लिये मिशन शक्ति का आयोजन किया जा रहा है।