प्रारंभिक परीक्षा – स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू, शेषाचलम बायोस्फीयर रिजर्व
सन्दर्भ
- हाल ही में स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू को आंध्र प्रदेश में तीसरी बार तथा शेषचलम वन में पहली बार देखा गया।
स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू
- यह भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाई जाने वाली उल्लू की एक शिकारी प्रजाति है।
- यह एक वन-आवासीय प्रजाति है।
- स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू का वैज्ञानिक नाम बुबो निपलेंसिस है।
- यह पक्षी इंसानों के समान एक अजीब चीख निकालता है, जिसके कारण इसे भारत में 'घोस्ट ऑफ द फॉरेस्ट' और 'डेविल बर्ड' भी कहा जाता है।
- इसकी लंबाई 20-25 इंच तथा इसका वजन लगभग 2 किलोग्राम तक होता है।
- स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू भोजन के रूप में छोटे कृन्तकों और छिपकलियों को खाता है।
- स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू को आईयूसीएन रेड लिस्ट में संकटमुक्त (Least Concern) के रूप में, वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की अनुसूची IV तथा cites के परिशिष्ट II के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त है।
शेषाचलम बायोस्फीयर रिजर्व
- शेषाचलम, आंध्र प्रदेश का पहला बायोस्फीयर रिजर्व है, 2010 में इसे बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया था।
- यह बायोस्फीयर रिजर्व आंध्र प्रदेश के चित्तूर और कडप्पा जिलों में फैला हुआ है।
- इसमें लाल चंदन के वृक्षों का बड़ा भंडार है, जिनका उपयोग दवाओं, साबुनों, आध्यात्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
- शेषाचलम बायोस्फीयर रिजर्व एक समृद्ध फ्लोरिस्टिक-हॉट स्पॉट है यहाँ कई प्रकार के स्थानिक और दुर्लभ पौधे पाए जाते हैं।
- शेषाचलम बायोस्फीयर रिजर्व में स्लेंडर लोरिस, भारतीय विशाल गिलहरी, बाघ, तेंदुआ, हाथी, भारतीय भेड़िया, जंगली सूअर, चिंकारा, जंगली कुत्ते, पैंगोलिन, बाइसन आदि जैसे जानवर पाए जाते हैं।
- शेषचलम पहाड़ियाँ आंध्र प्रदेश में पूर्वी घाटों की पहाड़ी श्रृंखलाएँ हैं।
- एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल तिरुपति और श्रीवेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान इन पहाड़ियों में स्थित हैं।