(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, ब्रह्मांड के रहस्यों की जाँच के उद्देश्य से रेडियो टेलीस्कोप परियोजना ‘स्क्वायर किलोमीटर ऐरे’ (SKA) का निर्माण शुरू किया गया है, जिसके वर्ष 2028 तक पूर्ण होने की संभावना है।
क्या है एस.के.ए. परियोजना
- यह एक वैश्विक परियोजना है, जिसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में की जाएगी। इस परियोजना में वर्तमान में भारत सहित 16 देश शामिल हैं। इसका मुख्यालय यूनाइटेड किंगडम के मैनचेस्टर में स्थित है।
- इस परियोजना में दो रेडियो दूरबीन- ऑस्ट्रेलिया में एस.के.ए.-लो (SKA-Low) और दक्षिण अफ्रीका में एस.के.ए.-मिड (SKA-Mid) शामिल है।
- एस.के.ए.-लो (SKA-Low) में कम आवृत्ति वाली रेडियो तरंगें प्राप्त करने वाले लगभग 1.31 लाख एंटीना होंगे। प्रत्येक एंटीना 2 मीटर लंबा और क्रिसमस ट्री के आकार का होगा। इसका निर्माण पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में किया जा रहा है।
- एस.के.ए.-मिड (SKA-Mid) में मध्य-आवृत्ति रेडियो तरंगों को प्राप्त करने वाले 197 डिश एंटीना होंगे। इसका निर्माण दक्षिण अफ्रीका के करू क्षेत्र में किया जा रहा है।
उद्देश्य
- इस परियोजना का उद्देश्य आइंस्टीन के सिद्धांतों का सबसे सटीक परीक्षण करना है।
- यह परियोजना खगोलविदों को आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास में शामिल प्रक्रियाओं की बेहतर समझ प्राप्त करने में सहयोग करेगी।
- यह नए प्रकार की गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज करने के साथ ही ब्रह्मांड के बारे हमारे ज्ञान का विस्तार करेगी।
- इस परियोजना के माध्यम से ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में विद्यमान तत्त्व ‘हाइड्रोजन’ के बारे में पता लगाया जाएगा।