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रासायानिक हमलों के लिये सीरिया ज़िम्मेदार –OPCW रिपोर्ट

(मुख्य पेपर ; सामान्य अध्ययन पेपर 3 : विषय – महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच – उनकी संरचना और अधिदेश)

हाल ही में वैश्विक स्तर पर रासायनिक हथियारों के प्रहरी रासायनिक हथियार निषेध संगठन (Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons-OPCW) ने रासायनिक हमलों के लिये पहली बार स्पष्ट रूप से सीरिया को दोषी ठहराया है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया?

  • राष्ट्रपति बशर अल-असद की वायु सेना ने 2017 में तीन बार नर्व गैस सरीन और क्लोरीन का इस्तेमाल किया।
  • सीरिया में नौ साल सेचल रहे गृहयुद्ध के दौरान हुए हमलों के अपराधियों की पहचान करने के लिये OPCW द्वारा गठित एक नई टीम की पहली पड़ताल रिपोर्ट में ये निष्कर्ष सामने आए।
  • ध्यातव्य है 1938 में जर्मन वैज्ञानिकों द्वारा सरिन नामक रासायनिक हथियार मुख्यतः कीटनाशक के रूप में कीटों को मारने के लिये तैयार किया गया था। परन्तु वर्तमान समय में इसे रासायनिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • सरीन तरल अवस्था में साफ़, रंगहीन और स्वादहीन होती है जो बहुत जल्दी ही वाष्प में बदल जाती है। ये साइनाइड से भी खतरनाक है और इसके वाष्प के सम्पर्क में आने के 15 मिनट के अन्दर ही व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

ओपीसीडब्ल्यू :

  • OPCW एक अंतर्सरकारी संगठन है और रासायनिक हथियार अभिसमय के लिये कार्यान्वयन निकाय के रूप में काम करता है।
  • 29 अप्रैल 1997 को इसकी स्थापना हुई थी। नीदरलैंड के हेग में इसका मुख्यालय स्थित है।
  • यह एक स्वतंत्र संगठन है (संयुक्त राष्ट्र संघ का संगठन नहीं), लेकिन नीतिगत और व्यावहारिक मुद्दों पर यह संयुक्त राष्ट्र का सहयोग करता है।
  • यह वैश्विक स्तर पररासायनिक हथियारों को स्थायी रूप से नष्ट करने के लिये और उनकी रोकथाम के लिये प्रयासरत है।
  • OPCW में 190 सदस्य देश हैं तथा 14 जनवरी 1993 को भारत ने रासायनिक हथियार अभिसमय पर हस्ताक्षर करने के साथ ही इसका सदस्य बन गया था।
  • ध्यातव्य है कि रासायनिक हथियार अभिसमय में कुल 193 हस्ताक्षरकर्ता देश हैं जबकि म्यांमार तथा इजराइल जैसे देशों ने इस अभिसमय पर हस्ताक्षर किया है लेकिन वे OPCW के सदस्य नहीं हैं। अंगोला, मिस्र, दक्षिणी सूडान तथा उत्तरी कोरिया आदि कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने इस अभिसमय पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
  • यह संगठन रासायनिक हथियार अभिसमय के नियमों और मूल्यों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का काम करता है और रासायनिक हथियारों के किसी भी प्रकार के उत्पादन, इस्तेमाल या भण्डारण का पुरजोर विरोध करता है।
  • सीरिया में कुशलता पूर्वक काम करने के लिये इस संगठन को वर्ष 2013 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था और संगठन के हिसाब से इसने दुनिया के 97 प्रतिशत रासायनिक हथियारों को खत्म कर दिया है।

सीरियाई संकट :

  • सीरियाई गृह-युद्ध जिसे सीरियाई विद्रोह या सीरियाई संकट के नाम से भी जाना जाता है मुख्यतः सीरिया में चल रहा बहु-पक्षीय गृहयुद्ध है, जो सरिया में सत्तारूढ़ बाथ सरकार (बशर अल-असद के नेतृत्व में) के समर्थकों एवं विपक्षियों के बीच चल रहा सशत्र संघर्ष है।
  • संघर्ष शुरू होने से पहले ही असद के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान व्याप्त बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक स्वतंत्रता की कमी के बारे में लगातार जनता शिकायत कर रही थी।
  • 15 मार्च 2011 सेदक्षिणी डेरा शहर में लोकतंत्र विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत हुई, जो पड़ोसी देशों में अरब स्प्रिंग या अरब क्रांति से प्रेरित था।
  • विरोधियों की मांग थी कि राष्ट्रपति बशर अल-असद, जो कि 1971 से सरिया में सत्तारूढ़ थे पदत्याग करें एवं बाथ पार्टी के 1963 से चले आ रहे शासन का अंत हो।
  • जब सरकार ने असंतोष को कुचलने के लिए घातक बल का इस्तेमाल किया, तो राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग करने वाले विरोध प्रदर्शन देशव्यापी हो गए। अशांति फैल गई और अफरा तफरी मच गई।
  • विपक्षी समर्थकों ने, पहले अपना बचाव करने के लिये और बाद में सुरक्षा बलों का अपने क्षेत्रों से हटाने के लिये, हथियार उठाए। हिंसा तेजी से बढ़ी और देश गृहयुद्ध कि स्थिति में पहुँच गया।
  • ध्यातव्य है कि अगस्त 2013 में सीरिया में घौतू नामक जगह पर एक अज्ञात नर्व गैस से हमला हुआ था जिसमें 1100 के क़रीब लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से अनेकों बार सरिया के कई शहरों में रासायनिक गैस से हमला करने कि खबरें आती रहीं और बशर अल-असद की सरकार लगातार सवालों के घेरे में रही।

iran

(स्रोत : द इन्डियन एक्सप्रेस और आल इण्डिया रेडियो)

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