(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3: पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।) |
संदर्भ
हाल ही में केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय द्वारा मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशा-निर्देश (Standard Veterinary Treatment Guidelines : SVTG) जारी किए गए।
नवीनतम दिशा-निर्देश
- नवीन SVTG का उद्देश्य पशुधन एवं मुर्गी पालन में पाई जाने वाली बीमारियों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को कम करने के साथ ही इसे विनियमित करना है।
- इसमें पशु चिकित्सा उपचार में आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल का भी प्रावधान है।
- यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने पशुओं और पक्षियों की लगभग सभी बीमारियों के उपचार के लिए एक मानक तय किया है।
- SVTG में दवाओं की खुराक, दवाओं की अनुमानित आवश्यकता, उपचार की अवधि और संभावित प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
- केंद्रीय पशुपालन सचिव के अनुसार दिशा-निर्देश रोगाणुरोधी प्रतिरोध को कम करने और बीमारियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए तैयार किए गए हैं।
- ये दिशा-निर्देश पशु चिकित्सा और चिकित्सा क्षेत्र के 80 से अधिक पेशेवरों की एक टीम द्वारा तैयार किए गए हैं।
- इस दस्तावेज को तैयार करने के लिए राज्यों से भी परामर्श किया गया है।
- इसमें "एथनोवेटरिनरी मेडिसिन" और हर्बल दवाओं के उपयोग का भी प्रावधान है, जिन्हें राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board : NDDB) द्वारा मास्टिटिस के उपचार के लिए बड़े पैमाने पर प्रयुक्त किया गया है।
- नवीनतम दिशा-निर्देशों को तैयार करने के लिए NDDB और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपचार दस्तावेजों का भी उपयोग किया गया है।
- भारत पहला देश है जिसने सभी वर्गों को कवर करते हुए जानवरों और पक्षियों में होने वाली लगभग सभी बीमारियों के उपचार के लिए संरचित दिशा-निर्देशों का एक सेट तैयार किया है।
लाभ
- SVTG दिशा-निर्देशों में 'एथनोवेटरिनरी' प्रथाओं को शामिल करने से सीमांत और छोटे पैमाने के किसानों के लिए अतिरिक्त, लागत प्रभावी उपचार विकल्प की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- इन दिशानिर्देशों से दवाओं के लागत प्रभावी होने के कारण किसानों पर आर्थिक बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।
- नवीनतम SVTG पशु स्वास्थ्य प्रबंधन में शामिल पशु चिकित्सा पेशेवरों, अर्ध-पेशेवर और सामुदायिक पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा किसानों को सटीक एवं गुणवत्तापूर्ण पशु उपचार सेवाओं तक पहुँच प्रदान कर मदद करेगा।
- SVTG के व्यापक उपयोग से पशु उपचार में सामंजस्य स्थापित होगा जिससे स्वस्थ पशु और सुरक्षित पशु-स्रोत खाद्य पदार्थ प्राप्त होंगे।
- इससे रोगाणुरोधी दवाओं, हार्मोन और कई अन्य दवाओं के अनावश्यक उपयोग को रोककर रोगाणुरोधी प्रतिरोध को कम किया जा सकेगा।