संदर्भ
हाल ही में, जैव ईंधन संचालित ‘स्टारडस्ट 1.0’ प्रक्षेपण यान को अमेरिका के मेने (Maine) से लॉन्च किया गया था, जिसके बाद अमेरिका जैव ईंधन द्वारा संचालित वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान विकसित करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है।
मुख्य बिंदु
- इसे अमेरिका में स्थित एयरोस्पेस कंपनी ब्लूशिफ़्ट द्वारा निर्मित किया गया है, जो जैव-व्युत्पन्न ईंधन द्वारा संचालित रॉकेट विकसित कर रही है।
- लगभग 250 किग्रा. वजनी यह प्रक्षेपण यान अधिकतम 8 किग्रा. का पेलोड ले जा सकता है।
- इसके लॉन्च में प्रयोग किया जा रहा ईंधन कार्बन न्यूट्रल है तथा इसमें ऑक्सीडाइज़र के रूप में ऑक्सीजन के साथ नाइट्रस ऑक्साइड का उपयोग किया गया है।
- इस प्रक्षेपण यान के साथ पेलोड के रूप में, हाईस्कूल के छात्रों द्वारा विकसित किया गया ‘क्यूबसैट प्रोटोटाइप’ तथा कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण पेलोड भेजे गए हैं।
स्टारडस्ट स्पेस प्रोब
- स्टारडस्ट (Stardust) 390 किलोग्राम का एक रोबोटिक स्पेस प्रोब था, जिसे नासा द्वारा 7 फरवरी 1999 को लॉन्च किया गया था।
- स्टारडस्ट का प्राथमिक मिशन धूमकेतु वाइल्ड 2 के कोमा (coma – Comet Wild 2) से धूल के साथ ही कॉस्मिक डस्ट के नमूने भी एकत्र करना था और विश्लेषण के लिये इन्हें वापस धरती पर भी लाना था। यह अपनी तरह का पहला ‘सैंपल रिटर्न मिशन’ था।
जैव ईंधन
जैव ईंधन को आम तौर पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
- पहली पीढ़ी के जैव ईंधन पारंपरिक तकनीक का उपयोग करके चीनी, स्टार्च, वनस्पति तेल या जंतु वसा से निर्मित किये जाते हैं। जिसमें बायोएल्कोहल्स, बायोडीजल, वनस्पति तेल, बायोईथर, तथा बायोगैस आदि शामिल हैं।
- दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन गैर-खाद्य फसलों जैसे सेलुलोसिक जैव ईंधन और अपशिष्ट बायोमास से प्राप्त किये जाते हैं। जिसमे उन्नत जैव ईंधन जैसे बायोहाइड्रोज़न तथा बायोएथेनॉल शामिल होते हैं।
- तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन शैवाल जैसे सूक्ष्म जीवों से प्राप्त किये जाते हैं।