हाल ही में गृह मंत्रालय ने चक्रवात ‘फेंगल’ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए तमिलनाडु सरकार को राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) से केन्द्रीय हिस्से के रूप में ₹944.80 करोड़ जारी करने को मंजूरी दी
‘फेंगल’ से प्रभावित तमिलनाडु और केन्द्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल (IMCT) भेजे गए हैं।
IMCT की आकलन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद स्थापित प्रक्रिया के अनुसार आपदा प्रभावित राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) से अतिरिक्त वित्तीय सहायता स्वीकृत की जाएगी
इस वर्ष SDRF से 26 राज्यों को ₹14,878.40 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है।
राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF)
राज्य आपदा मोचन निधि का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के सेक्शन 48 (1) (ए) के अंतर्गत प्रत्येक राज्य में किया गया है।
यह कोष अधिसूचित आपदाओं की अनुक्रिया के लिए राज्य सरकारों को उपलब्ध प्राथमिक कोष है।
केंद्र सरकार सामान्य राज्य में SDRF में 75 प्रतिशत और पूर्वोत्तर तथा हिमालय राज्यों में 90 प्रतिशत योगदान देती है।
वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वार्षिक केंद्रीय योगदान दो समान किश्तों में जारी होता है।
दिशा-निर्देशों के अनुसार पहली किश्त में जारी राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्राप्ति तथा SDRF की गतिविधियों पर राज्य सरकार की रिपोर्ट प्राप्ति पर निधि जारी की जाती है।
इस बार तत्काल आवश्यकता को देखते हुए इन अपेक्षाओं को समाप्त कर दिया गया।
चक्रवात, सूखा, भूकंप, अग्निकांड, बाढ, सुनामी, तूफान, भू-स्खलन, हिम-स्खलन, बादल फटने, कीट आक्रमण और पाला तथा शीतलहर जैसी अधिसूचित आपदाओं के पीड़ितों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने में खर्चों से निपटने के लिए SDRF का उपयोग किया जाता है।
राज्यों को SDRF निधि का आवंटन अनेक कारकों पर निर्भर करता है।
इनमें पिछला खर्च, क्षेत्र, जनसंख्या तथा आपदा जोखिम सूचकांक जैसे कारक शामिल हैं।
ये कारक राज्य की संस्थागत क्षमता, जोखिम, अनुभव, खतरा और कमजोरी से परिचित कराते हैं।
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार ने 2021-22 से 2025-26 के लिए 1,28,122.40 करोड़ रुपए का आवंटन SDRF के लिए किया है।
इस राशि में से केंद्र सरकार का शेयर 98,080.80 करोड़ रुपए है।
प्रश्न - केंद्र सरकार सामान्य राज्य में SDRF में कितना योगदान देती है ?