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भारत एवं विश्व में जलीय कृषि की स्थिति : FAO SOFIA रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र)

संदर्भ

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड फिशरीज एंड एक्वाकल्चर (The State of World Fisheries and Aquaculture : SOFIA) 2024’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के शीर्ष मछली उत्पादक देशों में शामिल हो गया है।

भारत में जलीय कृषि एवं मछली उत्पादन की स्थिति

  • भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि (Aquaculture) उत्पादक देश है। 
    • मछली उत्पादन में चीन प्रथम स्थान पर और इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर है।   
  • भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में 175.45 लाख टन का रिकॉर्ड मछली उत्पादन किया है जो वैश्विक उत्पादन का 8% है।  
  • यह देश के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में लगभग 1.09% और कृषि GVA में 6.724% से अधिक का योगदान देता है। यह क्षेत्र देश में 28 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका का समर्थन करता है। 

SOFIA रिपोर्ट के बारे में 

  • यह खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की एक प्रमुख रिपोर्ट है जो वैश्विक मत्स्य स्टॉक की स्थिति व स्वास्थ्य के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर मत्स्य पालन तथा जलीय कृषि के रुझानों का विश्लेषण करती है।
  • वर्ष 2024 का संस्करण ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन पहल की ठोस प्रगति पर प्रकाश डालता है तथा टिकाऊ जलीय कृषि विस्तार एवं गहनता, प्रभावी रूप से प्रबंधित मत्स्य पालन तथा दक्षता, सुरक्षा एवं समानता को प्राथमिकता देने वाली श्रृंखलाओं की दिशा में परिवर्तन लाने में FAO की भूमिका को प्रदर्शित करता है।

SOFIA 2024 के आंकड़े

वैश्विक उत्पादन

  • मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि उत्पादन : 223.2 मिलियन टन
  • जलीय जानवर : 185.4 मिलियन टन
  • शैवाल : 37.8 मिलियन टन
  • जलीय कृषि उत्पादन : 130.9 मिलियन टन
  • कैप्चर मत्स्य पालन : 92.3 मिलियन टन
  • क्षेत्र के अनुसार जलीय पशु उत्पादन : एशिया (70%), यूरोप (9%), लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियाई क्षेत्र (9%), अफ्रीका (7%), उत्तरी अमेरिका (3%) और ओशिनिया (1%)
  • देश के अनुसार जलीय जानवरों के मुख्य उत्पादक : चीन (36%), भारत (8%), इंडोनेशिया (7%), वियतनाम (5%) एवं पेरू (3%)

उपभोग

  • जलीय पशु खाद्य पदार्थों की वैश्विक स्पष्ट खपत (2021) : 162.5 मिलियन टन
  • प्रति व्यक्ति जलीय खाद्य पदार्थों की वैश्विक स्पष्ट खपत (2021) : 20.6 किग्रा.
  • प्रति व्यक्ति जलीय खाद्य पदार्थों की वैश्विक स्पष्ट खपत में वृद्धि : वर्ष 1961 में 9.1 किग्रा. से वर्ष 2021 में 20.6 किग्रा.

रोज़गार

  • प्राथमिक उत्पादन में कार्यरत लोग : 61.8 मिलियन
  • क्षेत्र के अनुसार श्रमिक : मत्स्य पालन (54%), जलीय कृषि (36%), क्षेत्र निर्दिष्ट नहीं (10%)
  • क्षेत्र के अनुसार नौकरियों का प्रतिशत : एशिया (85%), अफ्रीका (10%), लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियाई क्षेत्र (4%), यूरोप, ओशिनिया एवं उत्तरी अमेरिका संयुक्त (1%)।

व्यापार

  • जलीय पशु उत्पादों के शीर्ष निर्यातक : चीन, नॉर्वे, वियतनाम, इक्वाडोर, चिली
  • जलीय पशु उत्पादों के शीर्ष आयातक : संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, स्पेन, फ्रांस
  • जलीय उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का मूल्य : 195 बिलियन अमरीकी डॉलर

SOFIA रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

कुल उत्पादन में वृद्धि

वैश्विक मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि उत्पादन वर्ष 2020 से 4.4% की वृद्धि दर्शाता है। 

जलीय कृषि उत्पादन में वृद्धि 

  • FAO की SOFIA रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में पहली बार जलीय कृषि उत्पादन पारंपरिक मत्स्य पालन से उत्पादित मछलियों से अधिक हो गया है। 
  • वर्ष 2022 में जलीय कृषि उत्पादन अभूतपूर्व रहा जो 130.9 मिलियन टन तक पहुंच गया, जिसमें से 94.4 मिलियन टन जलीय जीव थे।

10 देशों में 90% मछली उत्पादन

रिपोर्ट के अनुसार चीन, इंडोनेशिया, भारत, वियतनाम, बांग्लादेश, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, मिस्र एवं चिली उन 10 देशों में शामिल हैं, जहां दुनिया का 90% मछली उत्पादन हुआ है।

कतला प्रजाति शीर्ष दस में शामिल 

  • वर्ष 2022 में मछली उत्पादन के मामले में कतला प्रजाति शीर्ष दस प्रजातियों की सूची में आठवें स्थान पर रही। 
  • यह प्रजाति शुरुआती दौर में उत्तर भारत, सिंधु के मैदान और पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल व म्यांमार की समीपवर्ती पहाड़ी नदियों में पाई जाती थी। बाद में इसे पूरे भारत में सभी नदियों एवं जलाशयों तक पहुंचा दिया गया।

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इसे भी जानिए!

भारत में प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को राष्ट्रीय मछली किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

रिपोर्ट में प्रदर्शित प्रमुख चिंताएं 

अंधाधुंध मछली शिकार की बढ़ती प्रवृत्ति

दुनिया के समुद्री मत्स्य पालन में 37.7% मछली स्टॉक को वर्ष 2021 में अविवेकपूर्ण तरीके से मत्स्ययन के रूप में पहचाना गया था। वर्ष 1974 में यह आंकड़ा केवल 10% था।

उपभोग में वृद्धि 

  • जलीय जीव खाद्य पदार्थों की वैश्विक खपत वर्ष 2022 में 165 मिलियन टन तक पहुँच गई है।
  • यह आँकड़ा वर्ष 1961 से विश्व की जनसंख्या की दर से लगभग दोगुना बढ़ा है। वैश्विक प्रति व्यक्ति वार्षिक खपत वर्ष 1961 में 9.1 किग्रा. से बढ़कर वर्ष 2022 में 20.7 किग्रा. हो गई है।
  • मनुष्यों द्वारा उपभोग की जाने वाली शीर्ष 10 समुद्री प्रजातियों में से 80% का सतत रूप से दोहन किया जा रहा है।

क्षेत्रीय असमानता 

  • वर्तमान में कुछ ही देशों का जलीय कृषि पर आधिपत्य स्थापित हैं। वैश्विक जलीय कृषि का 90% उत्पादन एशिया में होता है जबकि अफ्रीका में केवल 1.9% उत्पादन होता है।

भविष्य की खाद्य चुनौती 

  • वर्ष 2024 की इस रिपोर्ट में वर्ष 2050 तक जलीय खाद्य की आपूर्ति के लिए परिदृश्य प्रस्तुत किए गए हैं। 
  • वर्ष 2050 तक जलीय जीव खाद्य उपभोग के स्तर वर्ष 2022 के स्तर को बनाए रखने के लिए कुल जलीय जीव खाद्य आपूर्ति में 22% की वृद्धि की आवश्यकता होगी।

ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन पहल (Blue Transformation Initiative)

FAO ने जलीय खाद्य प्रणालियों में लचीलापन बनाए रखने और मत्स्य पालन व जलीय कृषि को वहनीय रूप से विकसित करने के लिए डिज़ाइन की गई कई कार्रवाइयों का प्रस्ताव दिया है ताकि कोई भी, विशेषकर इस क्षेत्र पर निर्भर समुदाय, पीछे न छूट जाए। इस पहल को ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन पहल कहा जाता है।

इस पहल के तीन मुख्य उद्देश्य हैं :

    1. पहला, इस दशक के अंत तक 35% की वृद्धि के लक्ष्य के साथ जलीय कृषि को सतत रूप से बढ़ाना। 
    2. दूसरा, मत्स्य प्रबंधन में सुधार से यह सुनिश्चित करना कि समुद्री पर्यावरण एवं अंतर्देशीय जल में 100% मत्स्य पालन उचित प्रबंधन उपायों के अधीन हो। 
    3. तीसरा, जलीय खाद्य पदार्थों की मूल्य श्रृंखला विकसित करना है, जैसे- घाटे को कम करना, उत्पाद में मूल्य वर्द्धन, बाजारों एवं उपभोक्ताओं तक पहुंच को सुविधाजनक बनाना।
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