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भारत में आतंरिक प्रवास की स्थिति

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3; भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।) 

संदर्भ

प्रवास रुझानों पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के नवीनतम कार्य पत्र के अनुसार पश्चिम बंगाल और राजस्थान देश भर से प्रवासियों के आवागमन के नए केंद्र बन गए हैं।

हालिया रुझान 

  • पश्चिम बंगाल और राजस्थान देश भर से प्रवासियों के आवागमन के नए केंद्र बन गए हैं।  ये दोनों राज्य उन शीर्ष पाँच राज्यों की सूची में शामिल हो गए हैं जहाँ भारतीय रेलवे द्वारा सामान्य या द्वितीय श्रेणी के यात्रियों की अधिकतम संख्या यात्रा करती है।
    • शीर्ष पाँच में शामिल अन्य तीन राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हैं। 
  • EAC-PM के अनुसार अधिकांश राज्यों ने बाहर से आने वाले यात्रियों में कमी दिखाई है जबकि पश्चिम बंगाल, राजस्थान और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं जिन्होंने आने वाले यात्रियों के प्रतिशत हिस्से में अधिकतम वृद्धि प्रदर्शित की है।
  • वर्ष 2012 के आंकड़ों की तुलना में आंध्र प्रदेश और बिहार अब एक पायदान नीचे हैं। 
  • EAC-PM ने "400 मिलियन ड्रीम्स! शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि वर्ष 2011 की जनगणना की तुलना में देश में प्रवासियों की कुल संख्या में 11.78 % की कमी आई है।
  • शोधपत्र के अनुसार छोटे शहरों में बेहतर आर्थिक अवसर भारत में प्रवासन की धीमी गति के कारणों में से एक हैं।

प्रवास के लिए गंतव्य एवं स्रोत राज्य 

गंतव्य राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश

स्रोत राज्य

महाराष्ट्र 

गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना

दिल्ली

उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश

  • उत्तर प्रदेश से जाने वाले सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए प्रमुख गंतव्य दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा हैं। 
  • बिहार से जाने वाले यात्रियों के लिए प्रमुख गंतव्य दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड हैं।

यातायात साधन के रूप में रेलवे 

  • उत्तर प्रदेश से दिल्ली देश में प्रवासियों द्वारा राज्य-से-राज्य प्रवास के लिए  रेलवे सबसे लोकप्रिय साधन है।
  • इस क्रम में गुजरात से महाराष्ट्र दूसरे, तेलंगाना से आंध्र प्रदेश तीसरे, बिहारसे दिल्ली चौथे और बिहारसे पश्चिम बंगाल पांचवें स्थान पर है।

ज़िलेवार स्थिति

  • शोधपत्र के अनुसार गैर-उपनगरीय सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए गंतव्य जिले (आव्रजन) में मुंबई पहले, बेंगलुरु दूसरे , हावड़ा तीसरे, मध्य दिल्ली चौथे और हैदराबाद पांचवें स्थान पर रहा। 
  • स्रोत के आधार गैर-उपनगरीय ज़िलों की स्थिति में वलसाड शीर्ष पर बना हुआ है। इसके अतिरिक्त विल्लुपुरम (तमिलनाडु), सहरसा (बिहार), मुरादाबाद (यूपी) और मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) शीर्ष-10 मूल जिलों की सूची में नए प्रवेशकर्ता हैं।
  •  रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष मूल जिले प्रमुख शहरी समूहों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, कोलकाता आदि के आसपास स्थित हैं। 

रिपोर्ट की सीमाएँ

  • रेलवे यात्री डाटा आवागमन के रुझान को दर्शाता है हालाँकि इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं।  यह आयु, लिंग, पलायन के कारणों आदि जैसे विवरणों को कैप्चर नहीं करता है। 
  • सभी रेलवे डाटा  स्टेशन से स्टेशन तक दर्ज किए जाते हैं, इसलिए वास्तविक मूल और गंतव्य प्राय: सटीक रूप से कैप्चर नहीं किए जा सकते हैं। 
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