संदर्भ
हाल ही में, सिंगापुर की स्ट्रीट हॉकर संस्कृति को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त (Intangible) सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है।
स्ट्रीट हॉकर संस्कृति
- सिंगापुर की स्ट्रीट हॉकर संस्कृति एक बहु-सांस्कृतिक शहरी वातावरण में स्ट्रीट फूड और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से संबंधित है।
- स्ट्रीट हॉकर केंद्र प्राकृतिक रूप से खुले परिसर होते हैं जिनमें भारतीय, मलय एवं चीनी मूल के पारंपरिक एवं स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगे होते हैं।
- सिंगापुर के हॉकर्स विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में महारत हासिल करने के लिये जाने जाते हैं। इन व्यंजनों को हॉकर्स ‘कम्युनिटी डाइनिंग रूम्स’ (community dining rooms) में परोसते हैं, जहाँ भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के लोग एकत्रित होते हैं।
यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
- अमूर्त संस्कृति, किसी समाज की मानसिक चेतना का प्रतिबिंब है। यह संस्कृति का वह पहलू है जिसे केवल महसूस या रिकॉर्ड किया जा सकता है। इसेपरंपराओं, रीति-रिवाजों एवं प्रदर्शन कलाओं के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है।
- अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करने के लिये वर्ष 2003 के अभिसमय में इसे अपनाया गया था। भारत ने इसकी पुष्टि वर्ष 2007 में की थी।
- इसके अंतर्गत दो प्रकार की सूचियों को संकलित किया गया है-
- प्रतिनिधि सूची : इसमें सांस्कृतिक प्रथाएँ और अभिव्यक्तियाँ शामिल हैं, जो इसके महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाती हैं।
- तत्काल सुरक्षा सूची : इसके अंतर्गत उन सांस्कृतिक तत्त्वों को शामिल किया जाता है, जिन्हें तत्काल संरक्षण की आवश्यकता होती है।
- यूनेस्को की इस सूची में मुख्यतः 5 क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनसे अमूर्त सांस्कृतिक विरासत प्रकट होती है–
- भाषा सहित मौखिक परंपराएँ और अभिव्यक्तियाँ : अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के वाहक के रूप में
- प्रदर्शन कलाएँ
- सामाजिक प्रथाएँ, रीति-रिवाज और उत्सव घटनाक्रम
- प्रकृति और विश्व से संबंधित ज्ञान तथा प्रथाएँ
- पारंपरिक शिल्पकारिता
- उल्लेखनीय है कि अभी तक भारत के कुल 13 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्त्वों को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।