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स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट

चर्चा में क्यों 

एक प्रगतिशील कानून के रूप में होने के बावजूद स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम को अब इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम,2014 

उद्देश्य : राज्य-स्तरीय नियमों और योजनाओं एवं उप-कानूनों तथा विनियमन के माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों (ULB) द्वारा कार्यान्वयन के साथ शहरों में स्ट्रीट वेंडिंग को संरक्षित और विनियमित करना  

मुख्य प्रावधान

  • विक्रेताओं और सरकार के विभिन्न स्तरों दोनों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से चित्रित करना 
  • विक्रेताओं की सकारात्मक शहरी भूमिका और आजीविका संरक्षण की आवश्यकता को पहचानना 
  • वेंडिंग ज़ोन में सभी 'मौजूदा' विक्रेताओं को समायोजित करना और वेंडिंग प्रमाण-पत्र जारी करना 
  • टाउन वेंडिंग समितियों (TVC) के माध्यम से एक सहभागी शासन संरचना स्थापित करना 
    • टीवीसी सदस्यों में से 40% स्ट्रीट वेंडर प्रतिनिधियों में से 33% महिला स्ट्रीट वेंडरों का उप-प्रतिनिधित्व होना 
    • सभी मौजूदा विक्रेताओं को शामिल करना सुनिश्चित करना 
  • शिकायतों और विवादों को संबोधित करने के लिए तंत्र की रूपरेखा तैयार करना 
    • जिसमें एक सिविल न्यायाधीश या न्यायिक मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक शिकायत निवारण समिति की स्थापना का प्रस्ताव है। 
  • शहरों में स्ट्रीट वेंडिंग जरूरतों को संबोधित करने के लिए समावेशी और भागीदारी दृष्टिकोण सुनिश्चित करना

                                                                      पीएम स्‍वनिधि योजना

  • यह केंद्रीय क्षेत्रक योजना है जिसे आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने 1 जून, 2020 को शुरू किया था।
  • उद्देश्य: लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए संपार्श्विक मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना।  
    • एक साल के समयकाल के लिए 10,000 रुपये तक के संपार्श्विक मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना। 
    • समय पर इस ऋण का पुनर्भुगतान करने पर 20,000 रुपये ऋण की दूसरी और 50,000 रुपए ऋण की किश्त की सुविधा प्रदान करना।
    • प्रतिवर्ष 7% की दर से ब्याज सब्सिडी के माध्यम से नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना। 
    • प्रतिवर्ष 1,200 तक कैशबैक के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करना।

चुनौतियाँ

  • पुरानी नौकरशाही मानसिकता के कारण विक्रेताओं को अवैध संस्थाओं के रूप में देखना 
  • राज्य प्राधिकारियों, व्यापक जनता और विक्रेताओं के बीच भी इस अधिनियम के बारे में जागरूकता और संवेदनशीलता की व्यापक कमी होना 
  • टीवीसी में स्ट्रीट वेंडर प्रतिनिधियों के सीमित प्रभाव होना 
  • टीवीसी में महिला विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व अधिकतर सांकेतिक होना 
  • शहरी शासन तंत्र अक्सर कमजोर होना 
  • 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा स्थापित ढांचे के साथ अच्छी तरह से एकीकृत न होना 
  • यूएलबी के पास पर्याप्त शक्तियों और क्षमताओं का अभाव होना 
  • स्मार्ट सिटी मिशन जैसी योजनाएं के अनुरूप अधिनियम के प्रावधानों की अनदेखी करना 
  • विश्व-स्तरीय शहर की प्रचलित छवि बहिष्करणवादी होना 
  • सड़क विक्रेताओं को शहरी विकास में बाधा के रूप में हाशिए पर रखना 
  • विक्रेताओं पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव होना 
  • ई-कॉमर्स से प्रतिस्पर्धा और आय में कमी होना

आगे की राह 

  • अधिनियम के प्रगतिशील और विस्तृत होने के बावजूद ज़मीनी स्तर के कार्यान्वयन की आवश्यकता 
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से ऊपर से नीचे की दिशा और प्रबंधन की आवश्यकता 
  • देश भर में सड़क विक्रेताओं की विविध आवश्यकताओं और संदर्भों को संबोधित करने में प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए समय के साथ विकेंद्रीकृत करने पर बल देना 
  • हस्तक्षेपों को विकेंद्रीकृत करने, शहरों में स्ट्रीट वेंडिंग की योजना बनाने के लिए यूएलबी की क्षमताओं को बढ़ाना 
  • टीवीसी स्तर पर उच्च-स्तरीय विभाग-नेतृत्व वाली कार्रवाइयों से वास्तविक विचार-विमर्श प्रक्रियाओं की ओर बढ़ाना 
  • स्ट्रीट वेंडिंग को शामिल करने के लिए शहरी योजनाओं, शहर नियोजन दिशानिर्देशों और नीतियों में संशोधन करने की आवश्यकता 
  • सड़क विक्रेताओं की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिनियम के व्यापक कल्याण प्रावधानों का रचनात्मक रूप से उपयोग करना 
  • राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में स्ट्रीट वेंडरों पर उप-घटक को बदली हुई वास्तविकताओं का संज्ञान लेने और जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीन उपायों की सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता 
  • रेहड़ी-पटरी वालों के लिए माइक्रो-क्रेडिट सुविधा, पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं का अधिक से अधिक से क्रियान्वयन करना
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