चर्चा में क्यों?
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा ओडिशा के सूर्य मंदिर के अंदरूनी हिस्सों से रेत को सुरक्षित रूप से हटाने के लिये प्रारंभिक रोडमैप पर कार्य प्रारंभ किया गया। यह रेत 118 साल पहले अंग्रेजों ने मंदिर के हिस्से (जगमोहन हॉल) को एकाएक गिरने से बचाने के लिये भरी थी।
प्रमुख बिंदु
- फरवरी 2020 में सूर्य मंदिर के संरक्षण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा ए.एस.आई. को रेत हटाने के तौर-तरीकों पर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किये गये थे।
- एक अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि रेत की परत के कारण 17 फीट तक का एक गर्त बनने की संभावना है।
सूर्य मंदिर
- 13वीं सदी के दौरान उड़ीसा के पूर्वी गंग वंश के राजा नरसिम्हादेव प्रथम (1238-1264 ई.) के शासनकाल में इस मंदिर का निर्माण किया गया।
- यह कलिंग शैली में निर्मित कला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इसे उड़ीसा के स्वर्ण त्रिभुज (सूर्य मंदिर, जगन्नाथ पुरी और भुवनेश्वर) का हिस्सा माना जाता है।