प्रारंभिक परीक्षा – गरीब कैदियों को सहायता योजना(Support to Poor Prisoners Scheme) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
चर्चा में क्यों
21 फरवरी,2024 को भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 'निर्धन कैदियों के सहायता योजना' के लिए 20 करोड़ रुपये का वार्षिक फंड आवंटित किया।
गरीब कैदियों को सहायता योजना:
- इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट वर्ष 2023-24 में की गई थी।
- इस योजना को मई, 2023 में गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- 19 जून, 2023 को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ इसके कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं साझा की गईं थी।
- इस योजना के माध्यम से गृह मंत्रालय गरीब कैदियों को जेल से बाहर निकलने में सक्षम बनाएगा।
- यह योजना 100% केन्द्र द्वारा वित्त पोषित है।
- इस योजना का उद्देश्य सामाजिक रूप से वंचित और कम आय वाले समूहों से संबंधित कैदियों की मदद करना है।
- इसके तहत उन गरीब कैदियों को राहत मिलेगी जो जुर्माने का भुगतान करने में असमर्थ हैं या धन की कमी के कारण जमानत पाने में असमर्थ हैं।
- इनमें से अधिकांश कैदी कम शिक्षा और निम्न आय स्तर वाले सामाजिक रूप से वंचित या हाशिए पर रहने वाले समूहों से संबंधित हैं।
- इस योजना से जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की समस्या का समाधान भी सकेगा।
- इस योजना के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को केंद्रीय नोडल एजेंसी (CNA) के रूप में नामित किया गया है।
- जेल राज्य सूची का विषय है।
दिशा-निर्देश और मानक प्रक्रिया
- इसके तहत प्रत्येक राज्य व केंद्रशासित प्रदेश को मुख्यालय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो प्रक्रिया या दिशानिर्देशों को लेकर किसी प्रकार के स्पष्टीकरण या योजना में विस्तार के लिए गृह मंत्रालय या केंद्रीय नोडल एजेंसी (CNA) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साथ जुड़ सकता है।
- इसमें राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि केंद्रीय नोडल एजेंसी के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के तहत राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा।
- यह समिति किसी कैदी की जमानत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मामले में वित्तीय सहायता की आवश्यकता का आकलन करेगी।
- इस योजना में राज्य स्तर पर निरीक्षण समिति का गठन किया जा सकता है।
- गृह मंत्रालय ने राज्यों को सूचित किया कि जिला स्तर की ‘सशक्त समिति’, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और जेल अधिकारियों की सहायता से पात्र कैदियों के मामलों की जांच करेगी और निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार जुर्माना या जमानत राशि का भुगतान करने के लिए आवश्यक राशि को मंजूरी देगी।
- इसके तहत विचाराधीन कैदियों के लिए अधिकतम सहायता 40,000 रुपये और दोषी कैदियों के लिए 25,000 रुपये होगी।
- 40,000 रुपये और 25,000 रुपये से अधिक की किसी भी राशि के लिए प्रस्ताव को राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति द्वारा मंजूरी दी जाएगी।
- प्रत्येक राज्य व केंद्रशासित प्रदेश को सीएनए के खाते (NCRB) के तहत मुख्यालय स्तर पर एक सहायक खाता खोलना होगा और इसकी तत्काल आधार पर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के माध्यम से निगरानी की जाएगी क्योंकि केंद्र से सभी धनराशि इस खाते के माध्यम से हस्तांतरित होंगी।
कैदियों की स्थिति में सुधार के लिए अन्य पहलें:
- आदर्श कारागार अधिनियम, 2023 का उद्देश्य कैदियों को कानून का पालन करने वाले नागरिकों में बदलना और समाज में उनका फिर से समेकन करना है।
- लंबित मामलों की त्वरित सुनवाई कराने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों गठिन किया गया है।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कैदियों के मूलभूत अधिकारों के संरक्षण के लिए समय–समय पर दिशा निर्देश एवं जेलों के सुधार हेतु सुझाव देता है।
- आदर्श कारागार मैनुअल, 2016 में जेलों में विचाराधीन कैदियों के लिए विस्तृत दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 21 फरवरी,2024 को भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 'निर्धन कैदियों के सहायता योजना' के लिए 20 करोड़ रुपये का वार्षिक फंड आवंटित किया।
- इस योजना को मई, 2023 में गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था, जिसके बाद 19 जून, 2023 को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ इसके कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं साझा की गईं थी।
- इस योजना का उद्देश्य सामाजिक रूप से वंचित और कम आय वाले समूहों से संबंधित कैदियों की मदद करना है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : गरीब कैदियों को सहायता योजना के प्रमुख विशेषताओं उल्लेख कीजिए।
|
स्रोत:the hindu