प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, नागरिकता अधिनियम 1955, धारा 6A, असम समझौता मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 |
संदर्भ-
- सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर, 2023 को केंद्र और असम सरकार से 25 मार्च, 1971 के बाद असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध प्रवासियों की अनुमानित आगमन और सीमा बाड़ लगाने की स्थिति पर विवरण देने को कहा।
मुख्य बिंदु-
- संवैधानिक पीठ नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6A को चुनौती देने वाले स्वदेशी असमिया समूहों की याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रही है।
- समूहों ने तर्क दिया है कि 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद लाया गया विशेष प्रावधान असम में बसने, भारतीय नागरिकता हासिल करने, स्थानीय लोगों को उनके राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों से वंचित करने एवं असमिया सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने के लिए अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के लिए प्रवेश द्वार बन गया है।
- पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 11 दिसंबर, 2023 या उससे पहले हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
- इस संवैधानिक पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ कर रहें हैं।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश-
- संवैधानिक पीठ ने कहा कि धारा 6A के प्रावधानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि 26 मार्च, 1971 के बाद भारत में प्रवेश करने वालों को नागरिकता प्रदान नहीं की जाती है।
- पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों से ''धारा 6A(2) के प्रावधानों के तहत उन व्यक्तियों की डेटा प्रस्तुत करने को कहा, जिन्हें 1 जनवरी 1966 और 25 मार्च 1971 के बीच असम में आने वाले व्यक्तियों की तरह नागरिकता प्रदान की गई है।''
- उपर्युक्त अवधि में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ऑर्डर,1964 के तहत फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के आदेश पर कितने व्यक्तियों को विदेशी पाया गया है, पीठ ने इसका भी विवरण मांगा है।
- जिन लोगों पर 25 मार्च 1971 के बाद असम सहित अन्य रज्यों में प्रवेश करने का आरोप है, उनके संबंध में अदालत ने निम्नलिखित विवरण मांगा है-
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- केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए गए विदेशी न्यायाधिकरणों की कुल संख्या
- निपटाए गए मामलों की कुल संख्या
- वर्तमान समय तक लंबित मामलों की कुल संख्या
- मामलों के निपटान में लगने वाला औसत समय
- गुवाहाटी उच्च न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या
- पीठ ने सरकार से पूर्वोत्तर राज्यों विशेषकर, असम में अवैध आप्रवासन से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी अवगत कराने को कहा।
- पीठ ने कहा, “सीमा पर बाड़ लगाने की सीमा के संबंध में भी विवरण प्रस्तुत किया जाए और क्या केंद्र सरकार सीमा पर बाड़ लगाने के कार्य को अनुमानित समयसीमा के भीतर पूरा करने का इरादा रखती है।”
- कोर्ट ने सरकार से 25 मार्च, 1971 के बाद सीमा के पश्चिम बंगाल हिस्से में हुए अवैध अप्रवास के बारे में विवरण देने को कहा।
असम समझौता एवं धारा 6A-
- 15 अगस्त, 1985 को केंद्र सरकार, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और ऑल असम गण संग्राम परिषद के बीच हस्ताक्षरित असम समझौते ने असम में चल रहे 6 साल के खूनी संघर्ष को समाप्त कर दिया।
- इस समझौते ने भारत की संघीय विशेषताओं की प्रकृति और धारणा को भी बदल दिया और देश में नागरिकता के मुद्दे पर एक अमिट छाप छोड़ी।
- असम समझौते के बाद धारा 6A को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 1985 के हिस्से के रूप में अधिनियमित किया गया।
- धारा 6A के अनुसार-
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- 1 जनवरी 1966 से पहले असम आए सभी व्यक्तियों को नियमित किया जाएगा।
- जो लोग 1 जनवरी 1966 और 24 मार्च 1971 के बीच आए, उनका प्रासंगिक कानूनों के अनुसार पता लगाया जाएगा और 10 साल के लिए मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। 10 वर्ष की समाप्ति पर ऐसे सभी व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में बहाल कर दिये जायेंगे।
- 25 मार्च 1971 को या उसके बाद असम आए विदेशियों का कानून के अनुसार पता लगाया जाना, हटाना और निष्कासित किया जाना जारी रहेगा। ऐसे विदेशियों को बाहर निकालने के लिए तत्काल और व्यावहारिक कदम उठाए जाएंगे।
- खंड 6 असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा, संरक्षण और प्रचार के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा उपायों का आश्वासन देता है।
- कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि धारा 6A, जो अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता का लाभ देती है, केवल असम में ही क्यों लागू की गई, पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं, जिसकी सीमा का एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश के साथ साझा करता है।
- कोर्ट ने सरकार से 25 मार्च, 1971 के बाद पश्चिम बंगाल में हुए अवैध अप्रवास के बारे में विवरण देने को कहा।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- असम समझौते के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसे केंद्र सरकार और असम सरकार के बीच हस्ताक्षरित किया गया था
- इस समझौते द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 1985 में धारा 6A जोड़ा गया।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- असम समझौते, 1985 ने भारत की संघीय विशेषताओं की प्रकृति और धारणा को भी बदल दिया और देश में नागरिकता के मुद्दे पर एक अमिट छाप छोड़ी। समीक्षा कीजिए।
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