संदर्भ:
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिकाओं पर विचार करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा वन्नियार समुदाय को 10.5% विशेष आरक्षण (राज्य कोटा कानून) को रद्द करने के फैसले पर पुनः सुनवाईं का फैसला किया।
वन्नियकुल क्षत्रिय समुदाय के बारे में:
- यह तमिलनाडु राज्य के उत्तरी भाग में सबसे बड़े और सबसे समेकित पिछड़े समुदायों में से एक है।
- इन्हें पल्ली उपनाम से भी जाना जाता है।
- यह परंपरागत रूप से खेतिहर मजदूर होते हैं।
- 1987- वन्नियार संघ ने 20% अलग आरक्षण की मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया।
- 1989- आंशिक आरक्षण को मंजूरी दे दी गयी।
- वन्नियार आरक्षण अधिनियम, 2021 के तहत, सार्वजनिक सेवाओं के लिए 10.5% सीटें और वन्नियारों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सीटें आरक्षित हैं।
- नवंबर 2021 में, मद्रास उच्च न्यायालय ने अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया।
असंवैधानिक क्यों घोषित किया गया ?
- एक जाति के लिए विशेष आरक्षण, अन्य सभी सबसे पिछड़े वर्ग समूह की जातियों के लिए भेदभावपूर्ण था।
- सरकार ने कानून के विभिन्न पहलु को न देखते हुए कानून को लागू करने की जल्दबाजी की व चुनावी मुद्दे के आधार पर लागू किया गया है।