भूटान में आयोजित बाघ परिदृश्य के लिए सतत वित्त सम्मेलन के दौरान देशों ने बाघ संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने के लिए नए वित्तीय संसाधन जुटाने और विज्ञान एवं तकनीकी विशेषज्ञता को शामिल करने पर चर्चा की।
सम्मेलन की विशेषताएँ
बाघ संरक्षण के लिए एकजुटता
- इस शिखर सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, कजाकिस्तान, मलेशिया, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम ने भाग लिया।
- वर्ष 2015 के बाद से वैश्विक बाघों की आबादी 3,200 से बढ़कर वर्ष 2022 में लगभग 4,500 हो गई है।
वित्तपोषण
- सम्मेलन के दौरान 10 एशियाई देशों ने पूरे महाद्वीप में महत्वपूर्ण बाघ आवासों की सुरक्षा और विस्तार के लिए अगले दशक में 1 बिलियन डॉलर वित्त एकत्र करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
- सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने एक नई पहल टाइगर लैंडस्केप्स इन्वेस्टमेंट फंड प्रस्तुत किया।
- इस उभरते वित्तीय तंत्र का उद्देश्य बाघों, जैव विविधता और स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव वाले प्रकृति-सकारात्मक व्यवसायों को बढ़ावा देना है।
- एशियाई विकास बैंक ने निजी क्षेत्र के निवेशकों को शामिल करने और प्रकृति-आधारित समाधान और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ‘टाइगर बांड’ जैसे नवीन वित्तीय उपकरणों के साथ बाघ रेंज वाले देशों का समर्थन करने के अवसरों की खोज में रुचि व्यक्त की।
विशिष्ट संरक्षण तंत्र पर बल
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- सम्मेलन में उपस्थित सदस्यों ने बाघों के आवास एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए देश-विशिष्ट संरक्षण तंत्र के महत्व को पहचाना।
- इस दौरान अधिकांश देशों ने बाघ संरक्षण के लिए स्वदेशी और स्थानीय समुदायों को शामिल करने पर बल दिया जो बाघ क्षेत्र में सह-अस्तित्व के साथ निवास करते हैं।
चुनौतियाँ
- अवैध शिकार
- आवास विखंडन
- मानव-बाघ संघर्ष
बाघ संरक्षण के लाभ
- कार्बन पृथक्करण को बढ़ावा
- पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की सुनिश्चित आपूर्ति
- संसाधन उपलब्धता क्षमता में वृद्धि
निष्कर्ष
बाघ परिदृश्य स्थानीय समुदायों और जैव विविधता के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए मॉडल के रूप में कार्य कर सकते हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निवेशकों और दानदाताओं को संरक्षणवादियों, स्थानीय समुदायों एवं सरकारों के साथ मिलकर पारिस्थितिक मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता होगी।