(प्रारंभिक परीक्षा : आर्थिक और सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी स्वच्छ भारत मिशन-शहरी डैशबोर्ड (SBM-U Dashboard) के अनुसार, कुल 1,854 ‘लीगेसी लैंडफिल साइट्स’ में से 1,080 साइट्स के अपशिष्ट के उपचार के लिये अभी तक कोई सुधारात्मक योजना प्रस्तुत नहीं की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इन 1,080 साइट्स में से आधे से अधिक साइट्स पाँच राज्यों कर्नाटक (136), राजस्थान (128), आंध्र प्रदेश (115), मध्य प्रदेश (111) और तेलंगाना (101) में हैं।
- किसी लैंडफिल साइट पर तीन महीने से अधिक समय तक पड़े पुराने कचरे को ‘लीगेसी लैंडफिल साइट्स’ कहा जाता है।
- विदित है कि वर्ष 2021 में शुरू किये गए एस.बी.एम.-यू. के दूसरे चरण में वर्ष 2026 तक सभी लीगेसी लैंडफिल साइट्स का 100% सुधार करने एवं ‘कचरा मुक्त शहर’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0
- इस मिशन को अक्तूबर 2021 में लॉन्च किया गया था जिसका उद्देश्य ‘स्वच्छता एवं ठोस कचरा प्रबंधन’ को गति प्रदान करना है, ताकि ‘कचरा मुक्त’ शहरी भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
- इसमें 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में पूर्ण तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली को अपनाकर अपशिष्ट जल को संगृहीत एवं शोधित (Filter) करने का प्रावधान भी किया गया है।
- इसके तहत वर्ष 2025-26 तक रोज़गार हेतु शहरी क्षेत्रों की ओर प्रवास करने वाली जनसंख्या के लिये 3.5 लाख व्यक्तिगत, सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
- यह मिशन पूर्णतः डिजिटल होगा। इसके अंतर्गत जी.आई.एस. चिह्नित कचरा प्रबंधन अवसंरचना, मज़बूत यूज़र इंटरफेस, ऑनलाइन शिकायत समाधान व्यवस्था तथा परियोजना निर्माण से लेकर फंड जारी करने तक परियोजना की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।
स्वच्छ भारत मिशन
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2 अक्तूबर, 2014 को ‘स्वच्छता एवं साफ-सफाई’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन (SBM) शुरू किया गया था। यह मिशन दो भागों में विभाजित है- ग्रामीण क्षेत्रों के लिये ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ (जल शक्ति मंत्रालय) के अंतर्गत एस.बी.एम.-ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिये ‘आवासन एवं शहरी मंत्रालय’ के अंतर्गत एस.बी.एम.- शहरी को क्रियान्वित किया जा रहा है।
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