18 फरवरी, 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने आध्यात्मिक संत रामकृष्ण परमहंस की 189वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
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स्वामी रामकृष्ण परमहंस के बारे में
- जीवन काल : 18 फरवरी, 1836 - 16 अगस्त, 1886
- जन्म स्थल : बंगाल प्रांत स्थित कामारपुकुर गांव
- बचपन का नाम : गदाधर चट्टोपाध्याय
- माता-पिता का नाम : खुदीराम और चंद्रा देवी
- गरीब परिवार में जन्मे और औपचारिक शिक्षा की कमी के बावजूद रामकृष्ण परमहंस भारत के सबसे प्रभावशाली संतों में से एक माने जाते हैं।
- इनके आध्यात्मिक विचारों ने न केवल स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्वों को प्रेरित किया बल्कि पूरे राष्ट्र पर गहरा प्रभाव डाला है।
स्वामी रामकृष्ण परमहंस का योगदान
- एक महान विचारक तथा उपदेशक के रूप में अनेक लोगों को प्रेरित किया। इनकी शिक्षाएँ वेदांत दर्शन से प्रेरित थीं।
- ईश्वर की प्राप्ति के लिए सदैव सत्य के मार्ग के अनुसरण की सलाह दी।
- इनके अनुसार सत्य ही ईश्वर है।
- रामकृष्ण परमहंस ने नरेंद्र नाम के एक साधारण बालक को अध्यात्म से परिचित कराया, जो आगे चलकर भारत के आध्यात्मिक पिता ‘स्वामी विवेकानंद’ के रूप में जाने गए। सुभाषचंद्र बोस ने विवेकानंद को आध्यात्मिक पिता कहा था।
- इन्होंने स्वामी विवेकानंद से कहा था कि ईश्वर एक ही है, उस तक पहुंचने के मार्ग अलग-अलग हैं।
- इसीलिए हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि सभी धर्मों का लक्ष्य एक ही है- ईश्वर तक पहुंचना। भक्ति के मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं।